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    असम ममता मोदी

    भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का राजनीति में रिश्ता जग ज़ाहिर है। दोनों एक दूसरे कि आलोचना करने का एक भी मौका नहीं छोड़ते। परन्तु इन दिनों अलग ही स्तर का आक्रोश देखने को मिल रहा है।

    सांसद में इन दिनों सरकार और विपक्ष में तनातनी का माहौल है। असम एनआरसी को लेकर सांसद में हंगामा बदस्तूर जारी है।

    सरकार और विपक्ष ने इसे एक राजनैतिक मुद्दा बना लिया है जिसको लेकर सरे दल अपनी अपनी पैरवी कर रहें है।

    इसको लेकर विपक्ष ने लोकसभा में दो स्थगन प्रस्ताव पेश किया। एक कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी की तरफ से दूसरा टीएमसी के सौगत राय की तरफ से। परन्तु यह मामला और गरमा गया जब ममता बनर्जी ने एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया।

    इन दिनों ममता बनर्जी तीखे तेवरों में नज़र आ रही है। हाल ही में उन्होंने ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करी एवं बीजेपी के दो बागी नेताओं के साथ इस पूरे मसले पर राय मशविरा कर रही हैं, जिसमें यशंवत सिन्हा और राम जेठमलानी शामिल हैं।

    परन्तु असम के नागरिकता रजिस्टर पर ममता बनर्जी के हमले के बाद बीजेपी ने उनकी घेराबंदी तेज़ कर दी है।

    ममता बनर्जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। परन्तु इसके बावजूद ममता बनर्जी के तेवर भी तीखे है। बुधवार को उन्होंने दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात की और साफ़ किया कि वो दबने वाली नहीं हैं।

    उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से भी मुलाकात करी। परन्तु एनआरसी के मुद्दे पर ममता बनर्जी इस कदर आगे बाद गई की कांग्रेस ने इस मुद्दे पर खुद को अलग कर लिया है।

    कांग्रेस चाहती थी कि एनआरसी मुद्दा बने लेकिन ऐसा नहीं कि आज असम के बाहर देश में ग़लत संदेश जाए और ममता के गृह युद्ध के बयान ने BJP को मौक़ा दे दे। इससे ममता ने भाजपा को इस मुद्दे पर बढ़त दे दी है जिससे कांग्रेस बैकफुट पर चली गई है।

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