एच1बी वीजा एक प्रकार का रोजगार वीजा है। यह वीजा अमेरीका द्वारा दूसरे देश के श्रमिकों को काम करने के लिए दिया जाता है।
दरअसल एच1-बी वीजा ‘इमीग्रेशन एंड नैशनॅलिटी एक्ट’ के अंर्तगत दूसरे देश से आए श्रमिकों को दिया जाता है। यह एक अस्थायी प्रकार का वीजा है।
अगर कोई वीजा धारक व्यक्ति एक कंपनी से इस्तीफा दे देता है या फिर कंपनी उसे नौकरी से निकाल देती है तो उस व्यक्ति को किसी और कंपनी में नौकरी करनी होगी या फिर अमेरीका छोड़ना होगा।
परंतु अगर आपने अमेरीका में पांच वर्ष तक काम किया तो आप वहां पर स्थायी रूप के वीजा के लिए भी आवेदन कर सकते है।
एच1बी वीजा पाने की योग्यता
रोजगार वीजा पाने के लिए स्नातक या फिर इसके समक्ष उपाधि आपके पास होनी चाहिए। वीजा के लिए लौटरी सिस्टम का भी इस्तेमाल किया जाता है।
एच1-बी वीजा पाने के लिए आपको किसी काम में या व्यवसाय में निपुण होने की आवश्यकता है। एच1-बी वीजा तीन वर्ष के लिए दिया जाता है। बाद में आप उसे तीन वर्ष से लेकर छः वर्ष तक के लिए रिन्यु करा सकते है।
आपको अगर किसी अमेरीकन कंपनी ने नौकरी पर रखा है तो वह कंपनी आपके एच1-बी वीजा के लिए आवेदन करेगी। ऐसा करने से आपको उस देश में काम करने की अनुमति मिल जाएगी।
कैसे मिलेगा रोजगार वीजा?
वीजा को मिलने के लिए एक वर्ष का समय लगता है। हर वर्ष अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा विभाग एक अप्रेल से नए वीजा के लिए आवेदन शुरू कर देता है।
यूएससीआईएस एक समय के बाद नए आवेदन स्वीकार नही करता और सूचना प्रदान करता है कि उसके पास प्रयाप्त आवदेन आ चुकें हैं।
आवदेन की फीस कौन भरता है?
एच1-बी वीजा पाने के लिए फॉर्म की फीस कंपनी द्वारा भरी जाती है। आवेदन की फीस 1570 यूएस डॉलर से लेकर 3075 यूएस डॉलर तक हो सकती है।
अगर कंपनी को किसी नागरिक का आवेदन बदलवाना है तो कंपनी को 500 यूएस डॉलर की फीस अदा करनी होगी। कंपनी को अगर 1 से लेकर 25 कर्मचारियों के लिए आवेदन करना है तो उसे 750 यूएस डॉलर का भुगतान करना होगा। वहीं अगर कर्मचारियों की संख्या 25 से ज्यादा है तो 1500 यूएस डॉलर की फीस कंपनी को देनी होगी।
एच1-बी कोटा क्या है?
एच1बी कोटा का अर्थ है एक निश्चत कोटे के अनुसार ही दूसरे देश के नागरिको को कोटा दिया जाएगा। इस कोटे का बखान कुछ इस प्रकार है:
हर वर्ष अमेरीका कुल 80,000 रोजगार वीजा निकालता है। इसमें से 65,000 वीजा विदेशी नागरीकों को दिए जाते हैं। बाकी 15,000 वीजा उन्हें दिए जाते है जिन्होंने अमेरीका से स्नातक या मास्टर की डिग्री प्राप्त की है।
यह माना जाता है कि आने वाले समय में राजनीतिक मुद्दों के कारण अमेरीका वीजा के लिए आवेदन की संख्या कम कर देगा।
कर्मचारियों को सुविधाएं
अमेरीका में एच1-बी वीजा पर काम करने वाले कर्मचारियों को समान अधिकारों की प्राप्ति होती है। कर्मचारी वहां पर बीमार होनें की छुट्टी, घुमने की छुट्टी आदि प्राप्त कर सकतें है और वहां पर काम करने वाली महिलाओं को गर्भ के दौरान मिलने वाली छुट्टी भी प्राप्त होती है।
वहां काम करने वाले लोग हड़ताल पर भी जा सकते हैं। 21 वर्ष से कम उम्र के आश्रित भी एच1-बी वीजा के कर्मचारी के साथ रह सकतें है इसके लिए उन्हें एक विशेष वीजा के लिए आवेदन करना होगा।
वीजा के अंतर्गत आने वाले कर्मचारी वहां पर लोटरी के टिकट खरीद सकते है, शेयर बाजार में स्टॉक खरीद सकतें है और जमीन को भी खरीद सकतें हैं।
एच1-बी वीजा से अमेरीका को होने वाले फायदे
अमेरीका में बड़ी कंपनियों को सस्ते दर पर कर्मचारी मिल जाते हैं। इसलिए वे अमेरीकी सरकार पर वीजा आवेदन ज्यादा करने का जोर बनाते हैं।
भारत और चीन जैसे विकसीत हो रहे देशों में लेबर (कर्मचारी)कम पैसों पर उपलब्ध होते है और वह ज्यादा काबिल भी होते हैं। भारत और चीन के नागरिकों के पास अच्छी संचार करने की भाषा होती है।
हालाँकि हाल के समय में अमेरिकी नागरिक इसके विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरीकी नागरिक सरकार पर दबाव बनाते हैं कि देश में उनके लिए नौकरी कम हो रहीं है और बेरोजगारी बढ़ रही है।
भारत को एच1-बी वीज़ा से होने वाले फायदे
जिन प्रशिक्षत लोगों को भारत में आरक्षण के कारण नौकरी नहीं मिलती वह अमेरीका जा कर काम करते हैं। भारतीयों को बड़ी कंपनियों द्वारा अच्छा मेहनताना दिया जाता है। कर्मचारियों को वहा ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं और वहां काम करने का वातावरण भी अनुकूल होता है।
भारतीय सरकार भी भारतियों के हित के लिए अमेरिका सरकार को वीजा संख्या बढाने के लिए कहती है।
अमेरीकी राजनीति में एच1-बी वीज़ा
अमेरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने चुनावी आयोजनों में यह बात कही थी कि वह एच1-बी वीजा के आवेदनों की संख्या कम कर देंगें। उन्होंने यह भी कहा था कि वह वीजा के लिए कानून सख्त करेंगें।
अमेरीका में एच1-बी वीजा को लेकर नागरिकों में काफी आकरोश है और वह इस वीजा के आवेदनों की संख्या को कम करना चाहते है जिससे उन्हें वहा पर नौकरी के संपूर्ण अवसर मिल सकें। अमेरीका में इस समय सात लाख भारतीय काम कर रहें हैं।
अगर अमेरीका ने एच1-बी वीजा पर प्रतिबंध लगाया तो भारत का 8 से 10 प्रतिशत विकास लक्ष्य कम हो जाएगा। वीजा पर प्रतिबंध के कारण भारत की जीडीपी पर भी प्रभाव पड़ेगा। भारत के अंदर कई अमेरीकी कंपनी निवेश करना चाहती हैं और भारत में अपने प्रक्षिण केंद्र खोलना चाहतीं है।