सरकार के स्वामित्व वाले हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसी) के कर्मचारियों को पिछले 35 महीनों से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन ने मंगलवार को राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने इस मामले में सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान टीएमसी नेता ने कहा कि एचपीसी के कर्मचारियों को वेतन मुहैया कराने की दिशा में वित्त वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा 90 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे, लेकिन अभी तक राशि जारी नहीं हुई है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, “दुर्भाग्य से स्वीकृत राशि केंद्र द्वारा जारी नहीं की गई है और स्पष्ट रूप से एनसीएलएटी (राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीली न्यायाधिकरण) के आदेश के अनुसार कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं दिया गया है।”
पश्चिम बंगाल की सांसद ने कहा कि पिछले 35 महीनों से वेतन न मिलने से श्रमिकों को आत्महत्या करने और बच्चों की उच्च शिक्षा छुड़वाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
सदन के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण से इस मुद्दे पर ध्यान देने और देरी के बारे में जांच कराने को कहा।
सेन ने कहा कि कोलकाता मुख्यालय वाली एचपीसी गहरे संकट में है और असम में इसकी दो उत्पादन इकाइयों ने 2015 और 2017 में विनिर्माण को बंद कर दिया।
उन्होंने कहा, “अंतिम वेतन का भुगतान (कर्मचारियों और श्रमिकों को) दिसंबर 2016 में किया गया था।”