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AN-32

ईटानगर, 6 जून (आईएएनएस)| भारतीय वायुसेना के एएन-32 विमान की तलाश जारी है। अरुणाचल प्रदेश के मोलो गांव की ओर एक पहाड़ से आदिवासी ग्रामीणों ने ‘गाढ़ा काला धुआं’ निकलते हुए देखा।

सोमवार दोपहर को जमीनी कर्मचारियों से विमान का संपर्क टूट गया, जिसके बाद से अभी तक विमान का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को कहा, “तुम्बिन गांव के तीन व्यक्तियों ने कहा कि उस दिन उन्हें मोटा काला धुआं दिखाई दिया था, जो कि मोलो गांव की ओर से लगभग 7-8 किलोमीटर दूर पहाड़ से निकल रहा था।”

उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के बयानों का सत्यापन किया जा रहा है।

विमान की तलाश के लिए तीन खोज दल बनाए गए हैं, जिसमें शि-योमी जिले का एक और सेना का एक दल शामिल हैं, विभिन्न संभावित स्थानों की ट्रेकिंग की जा रही है।

पुलिस, सेना और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) का एक संयुक्त प्रयास दल अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में लगभग 2,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त स्थान की खोज कर रहा है।

मुख्यमंत्री खांडू ने सियांग, वेस्ट सियांग, लोअर सियांग और शि-योमी के जिला प्रशासन को खोज और बचाव अभियान तेज करने के निर्देश दिए हैं।

खांडू ने कहा कि सियांग और पश्चिम सियांग के उपायुक्तों ने लापता विमान का पता लगाने के लिए शुरू किए गए कदमों की जानकारी से उन्हें अवगत कराया है।

उन्होंने कहा कि वे एक दूसरे के साथ निकट समन्वय में काम कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “उन्होंने प्रत्येक टीम में 3/4 स्थानीय लोगों को शामिल किया, जो लापता विमान और जहाज पर सवार लोगों का पता लगाने में मदद कर रहे हैं।”

वायुसेना ने अपने खोज और बचाव कार्य फिर से शुरू किए।

अरुणाचल प्रदेश के जोरहाट व मेचुका के बीच घने जंगलों वाले मार्गों पर रूसी मूल के एएन -32 ट्रांसपोर्टर का पता लगाने के लिए वायुसेना ने अपने एमआई-17 और एएलएच हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया है।

पूर्वी वायुसेना कमान के कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल आर.डी माथुर, खोज और बचाव कार्यो की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय वायुसेना के लापता जवानों के परिवारों से मुलाकात भी की।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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