जर्मनी की चांसलर एजेंला मर्केल ने रविवार को उत्तरी सीरिया में तुर्की के सैन्य अभियान को तत्काल बंद करने की मांग की है। उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयब एर्दोगन से फ़ोन पर बातचीत की थी।
जर्मनी के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि “इस फ़ोन कॉल को एर्दोगन के आग्रह पर किया गया था। मर्केल ने एर्दोगन से कहा कि तुर्की के वैध सुरक्षा हितो के अलावा स्थानीय आबादी का एक बड़ा भाग विस्थापित हो रहा है, क्षेत्र अस्थिर हो रहा है और शायद इससे इस्लामिक स्टेट का चरमपंथ वापस उभर सकता है।”
दोनों नेताओं ने सीरिया के प्रान्त इद्लिब और पूर्वी मेडिटरेनीयन में तुर्की के गैस एक्सप्लोरेशन के बाबत चर्चा की थी। तुर्की से बुधवार को सीरिया में एक सैन्य अभियान की शुरुआत की थी जिसका नाम ऑपरेशन पीस स्प्रिंग था। इस कदम से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तुर्की की काफी आलोचनाएँ होने लगी है।
सीरियन डेमोक्रेटिक फाॅर्स ने सीरिया से इस्लामिक स्टेट समूह को कुचलने के लिए अमेरिका का बीते पांच वर्षो में सहयोग किया था। एसडीएफ ने अमेरिकी के नेतृत्व के अभियान में अपने 11000 सैनिको को गंवाया था। सीरिया में तुर्की के अभियान को मंज़ूरी देने के लिए डोनाल्ड ट्रम्प की काफी आलोचना की जा रही है क्योंकि इसकी शुरुआत सीरिया से अमेरिकी सैनिको की वापसी के ऐलान के बाद हुई थी।
अमेरिका के राज्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि “अगर सीरिया में तुर्की ने अपनी सीमा लांघने की कोशिश की तो अमेरिका उस पर प्रतिबन्ध लागू करेगा।” करीब 30 अमेरिकी संसद के रिपब्लिकन ने तुर्की के खिलाफ प्रतिबंधो को लागू करने के लिए एक बिल पेश कर सकते हैं।