पाकिस्तान का कुख्यात आतंकी और 2008 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद उर्दू अखबार में नियमित कॉलम लिखता है। पाकिस्तान के दिग्गज पत्रकारों ने सवाल उठाया कि “कैसे एक व्यक्ति जो बंदूक उठाता है, उसे कलम उठाने की इज़ाज़त कैसे मिल गई।” विश्व में हुए कई हमलों में हाफिज सईद शामिल है, जिस हमले का शिकार मासूम नागरिक होते हैं। हाफिज सईद को अभी तक पाकिस्तान में संरक्षण प्राप्त है।
हाफिज के लेख पर पत्रकारों के उठाये प्रश्न
प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के अगुआ हाफिज सईद के उर्दू अखबार में विचारों के प्रकाशन से पाकिस्तान के पत्रकारों में आक्रोश है। पत्रकार कई सवाल उठा रहे हैं, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी कैसे एक उर्दू अखबार में नियमित कॉलम लिख सकता है, अपने भड़काऊ विचार लोगों तक पंहुचा सकता है। जबकि आतंकी पर एक करोड़ डॉलर की इनामी राशि है।
अखबार के मालिक का हाफिज से रिश्ता
एक प्रचलित उर्दू अखबार में आतंकी का लेख, या तो इस अखबार के मालिक का नाता हाफिज सईद से हैं या मालिक पर दबाव बनाया गया है, ताकि बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में भारत के किरदार और कश्मीर की रिश्ते को गलत मायने में पेश किया जा सके। हाफिज सईद के लेख में भारत पर अधिक निराधार आरोप मढ़े गए है साथ ही साल 1971 की जंग के दौरान सत्ता पर काबिज भारत की राजीनीतिक हस्तियों पर भी लांछन लगाया है।
पाकिस्तान के स्थानीय अदालत ने अखबार से हाफिज सईद के लेख को हटाने का आदेश दिया था, अलबत्ता लेख देश के उर्दू अखबार में प्रकशित किया गया और साथ ही हाफिज सईद के चुनाव लड़ने वाले प्रतिनिधियों की भी जानकारी भी दी गयी थी।
पाक के मंत्री हाफिज के समर्थन में
पाकिस्तान से जारी विडियो में इमरान खान सरकार के जूनियर इंटीरियर मिनिस्टर मुंबई हमलो के मास्टरमाइंड हफीज सईद और उसकी पार्टी की सलामती की प्रतिज्ञा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान तहरीक ए इन्साफ की सरकार सत्ता पर मौजूद है, हफीज सईद सहित पाकिस्तान के लिए आवाज़ उठाने वाले सभी के साथ हम है।