मंगलवार को हुए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत अनुचित ठहराया एवं कहा की उर्जित पटेल को सरकार द्वारा पद छोड़ने को बिलकुल मजबूर नहीं किया गया था।
क्या है उर्जित पटेल का मामला ?
आपको बता दें की आरबीआई के 24वें गवर्नर उर्जित पटेल ने कुछ समय पहले व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। ऐसा होने पर विपक्ष ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था की उर्जित पटेल को मोदी सरकार द्वारा इस्तीफा देने को मजबूर किया गया था।
सरकार एवं गवर्नर के बीच कुछ मतभेद थे जिनके चलते उर्जित पटेल इस्तीफा देने को मजबूर हुए। इसके साथ ही आरबीआई के रिज़र्व में से कुछ अधिशेष देने की बात पर भी दोनों पक्षों के विचार में अंतर था जिसके चलते ऐसा किया गया।
उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के तुरंत बाद पूर्व नौकरशाह शक्तिकांत दास को नया गवर्नर नियुक्त किया गया था।
पीएम मोदी का बयान:
साक्षात्कार में मोदीजी विपक्ष के आरोपों को गलत ठहराया एवं बोले की उर्जित पटेल के इस्तीफे में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। ऐसा उन्होंने व्यक्तिगत कारणों के चलते किया है। यहाँ तक की वे पिछले 6-7 महीनों से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे थे।
वे बोले “मैं पहली बार खुलासा कर रहा हूं, उर्जित पटेल इस्तीफे के 6-7 महीने पहले से मुझे इस बारे में बता रहे थे।”
नहीं थे कोई मतभेद :
इसके अतिरिक्त पीएम ने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि पटेल को केंद्रीय बैंक के अधिशेष भंडार के हस्तांतरण सहित कई मुद्दों पर सरकार के साथ मतभेदों के कारण इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था।
कुछ अन्य मुख्य विषयों पर की चर्चा :
इस साक्षात्कार में मोदीजी ने इन आरोपों के अलावा जीएसटी के बारे में भी चर्चा की जिसमे उन्होंने बताया की सरकार निर्माण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री, निर्माणाधीन और पूरी तरह से निर्मित मकानों के लिए, 5% स्लैब के तहत करना चाहती है।
पीएम ने कहा, “कुछ आरक्षणों के होने की वजह से जीएसटी परिषद ऐसा करने में असफल रहा। लेकिन अब हम लगातार जीएसटी को आसान बनाने की कोशिश कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हो। इतने कम समय में, इतने बड़े राष्ट्र में, जो कुछ भी हासिल हुआ है वह छोटा नहीं है, इसमें सुधार की गुंजाइश है। हम इसमें बदलाव जारी रखेंगे”