कश्मीर के नेताओं ने केंद्र सरकार पर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि निर्दोष कश्मीरियों पर उनके धर्म व जाति के आधार पर हमला करके सरकार शहीद सीआरपीएफ जवानों को किस तरह का सम्मान दे रही है।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह व महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से संयुक्त रुप से अपील की है कि “सरकार वहां रह रहे मासूमों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। साथ ही कश्मीर में शांति स्थापित करे।” कश्मीरी लोगों पर आत्याचार से दु:खी होकर उन्होंने कहा कि, “कश्मीरियों पर हमला करते सरकार देश के अन्य समुदायों से उन्हें अलग कर रही है। न चाहते हुए भी हम बंट रहे हैं, वही हो रहा है जो आंतकवादी चाहते थे।”
एनसीपी प्रमुख उमर अब्दुल्लाह व पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का मानना है कि, “मासूम कश्मीरियों पर हमला करके सरकार उन्हें यह महसूस करा रही है कि इस घाटी के बाहर उनका कोई भविष्य नहीं है।”
In a joint appeal @MehboobaMufti & I have condemned the attacks directed against Kashmiris in some parts of the country. We have appealed for calm so as to defeat the nefarious plans of our enemies who perpetrated attacks like the Pulwama attack. https://t.co/7MiWK770RS
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 18, 2019
उन्होंने कहा कि, “आंतक के बदले आंतक आसान है लेकिन सरकार को यह समझना चाहिए की सीआरपीएफ काफिले पर हमला कश्मीरी मुस्लिम या मुसलमानों ने नहीं किया था। इसलिए सभी को एकजुट होना होगा ऐसे एक-दूसरे पर दोषारोपण करके कुछ हासिल नहीं होगा।”
साथ ही उन्होंने यह भी लिखा कि, “बड़ा आश्चर्य हो रहा है हमें यह देखकर कि लोग संतों व आंतकवादियों को एक ही तरह समझ रहे हैं। कोई हमारा दर्द नहीं समझ रहा है।”
A humble appeal from us. Current state of affairs is worrying since lumpen elements are trying to exploit & redirect peoples anger to innocent Kashmiris who aren’t responsible for the Pulwama attacks. They deserve your love & compassion at a time when they’re most vulnerable. https://t.co/cvOK5GjY73
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 18, 2019
उन्होंने सरकार से कश्मीर को एक स्थिर शासन व्यवस्था देने का आग्रह किया है। ताकि लोग डर-डर के न जिऐं। इसके अलावा उन्होंने मीडिया पर कश्मीर और भारत के बीच भेदभाव करने का आरोप लगाया है।