आजुक मोड़ से गुजर रहा है केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे कर एनडीए से अलग होने वाले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने एनडीए के बाकी दलों को चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि उन्हें भी उनके (भाजपा और जेडीयू) के घमंड का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा “दूसरों को भी इनके अहंकार का सामना कर पड़ेगा। लोक जनशक्ति पार्टी को जितनी जल्दी हो सके एनडीए छोड़ देनी चाहिए। उन्होंने छोटी पार्टियों को ख़त्म करने का मन बना लिया है।”
कुशवाहा ने पिछले हफ्ते केन्द्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया था और एनडीए से बाहर हो गए थे। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री से मिलने और बात करने की बहुत कोशिश की लेकिन मंत्रिमंडल का सदस्य होने के बावजूद प्रधानमंत्री ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया।
2019 लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा भाजपा से नाराज चल रहे थे। जेडीयू और भाजपा ने बराबर बराबर सीतोंब पर लड़ने का समझौता कर लिया था जिसके बाद एनडीए के दो अन्य सहयोगियों रालोसपा और लोजपा को अपने हिस्से की सीटें कम होने की चिंता होने लगी थी।
उपेन्द्र कुशवाहा के अलग हो जाने के बाद लगा था कि बिहार एनडीए में सब ठीक हो जाएगा लेकिन अब लोजपा नेता चिराग पासवान ने ट्वीट कर भाजपा को चिंता में डाल दिया और इस बात की तरफ भी इशारा कर दिया कि एनडीए में सब ठीक नहीं चल रहा है।
चिराग पासवान ने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि टीडीपी और रालोसपा के एनडीए से निकल जाने के बाद एनडीए नाजुक मोड़ से गुजर रहा है। दरअसल चिराग भी सीट बंटवारे पर भाजपा की तरफ से कोई आश्वासन न मिलने को लेकर नाराज थे।
टी॰डी॰पी॰ व रालोसपा के एन॰डी॰ए॰ गठबंधन से जाने के बाद एन॰डी॰ए॰ गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है।ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथीयों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करें।
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) December 18, 2018
गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है।इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है।
— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) December 18, 2018
तीन राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली करारी हार के बाद अब भाजपा के सहयोगी मुखर होने लगे हैं।