नोटबंदी के एक साल पुरे होने से पहले पैराडाइज पेपर्स ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया था। इस खुलासे में कई भारतीयों के भी नाम आये थे। मोदी सरकार में मंत्री जयंत सिन्हा और बीजेपी के राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा का भी नाम इन खुलासों में आया था। लेकिन जयंत सिन्हा ने अपने मामले में सफाई देते हुए अपने आप को इस मामले से किनारा कर लिया था। वही आरके सिन्हा ने इस मामले को लेकर मौन धारण कर लिया था।
लेकिन बुधवार को सिन्हा ने एक अख़बार में बिज्ञापन देकर अपनी सफाई पेश की है। सिन्हा ने विज्ञापन के जरिये उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से यह अपील की है कि अखबार में आये खबरों से उनके विशेषाधिकार का हनन हुआ है और उनके सम्मान को ठेस पहुंची है। इसलिए उस अख़बार पर कड़ा रुख अपनाया जाये।
सिन्हा ने यह भी दवा किया है कि पैराडाइज पेपर्स में उनपर जो भी खुलासे हुए है वे सारे के सारे बेबुनियाद है। उन्होंने अपनी विदेश में स्थित कंपनी का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी कंपनी एसआईएस (सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज) ने कोई भी गलत काम नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी ने टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशों में पैसा पार्क करने के किसी कार्य में सम्मलित नहीं है।
इस मामले ने तब नाटकीय मोड़ ले लिया जब खुलासों के बाद पत्रकार सिन्हा से सवाल पूछने गए। उन्होंने लिखते हुए कहा कि वह सात दिनों तक पूजा पाठ के चलते कुछ बोल नहीं सकते। उन्होंने मीडिया के सामने एक कागज पर लिखते हुए अपने शब्दों में कहा कि एक धार्मिक अनुष्ठान के कारण वह सात दिनों तक मौन ब्रत पर है और इस समय उनका बोलना मुमकिन नहीं है।
लेकिन आकड़ो के मुताबिक सिन्हा कि कंपनी एसआईएस इंटरनेशनल होल्डिंग को टैक्स हैवन ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में स्थित है। सिन्हा की पहली विदेश कंपनी के पास एसआईएस के 3,999,999 शेयर्स मौजूद हैं। दस्तावेज के अनुसार सिन्हा के पास इस कंपनी का केवल एक शेयर मौजूद है।
एसआईएस इंटरनैशनल होल्डिंग में सिन्हा, उनकी पत्नी रीता किशोर सिन्हा और बेटा रितुराज किशोर सिन्हा बतौर डायरेक्टर नियुक्त हैं।