Sun. May 19th, 2024

    भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू दिल्ली में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत में प्रेस की गंभीर स्थित को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पूर्व में समाचार समाचार हुआ करते थे, कभी इसकी व्याख्या या गलत व्याख्या नहीं की गई, अब समाचार और विचारों को एक साथ जोड़ा जा रहा है, यही समस्या है।

    उपराष्ट्रपति एस वेंकैया नायडू ने आगे कहा कि सनसनीखेज दिन का क्रम बन गया है। सनसनीखेज समाचार का अर्थ है संवेदनाहीन समाचार हो गया है।  व्यावसायिक समूहों और राजनीतिक दलों ने अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए टीवी चैनल और समाचार पत्र स्थापित कर लिए हैं। जिस वजह से पत्रकारिता के मूल्यों का क्षरण हो रहा है।

    राजनीति दलों द्वारा समाचार पत्रों को शुरू किए जाने के अधिकार को लेकर उन्होंने कहा कि आप मुझसे पूछ सकते हैं कि क्या राजनीतिक दलों को अखबार शुरू करने का कोई अधिकार नहीं है? हां, लेकिन इसका उल्लेख किया जाना चाहिए, यह एक ऐसा समाचार पत्र है, जो इतनी राजनीतिक पार्टी का है।

     

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *