नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)| उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता के साथ मारपीट व उनकी हत्या करने के आरोपी उत्तर प्रदेश पुलिस के कांस्टेबल ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और खुद पर लगे आरोपों को चुनौती दी।
कांस्टेबल आमिर खान पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत तरीके से कैद), 120 बी (आपराधिक साजिश), 193 (झूठा सबूत), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 324 (जानबूझकर खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाने), 166 (किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने के इरादे से लोक सेवक द्वारा कानून का उल्लंघन करना) और 167 (लोक सेवक द्वारा चोट पहुंचाने के इरादे से एक गलत दस्तावेज तैयार करना) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
इसके अलावा उस पर आईपीसी की धारा 201 (अपराध के सबूतों को गायब करने), 218 (लोक सेवक द्वारा किसी व्यक्ति को दंड से बचाने या संपत्ति को जब्त करने से बचाने के इरादे से गलत रिकॉर्ड बनाना) और 466 (कोर्ट या सरकारी रजिस्टर के रिकॉर्ड की जालसाजी) के तहत और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
मामले पर गुरुवार को सुनवाई होने की संभावना है।
भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर व उसका भाई अतुल सेंगर मामले के मुख्य आरोपी हैं।
इस महीने की शुरुआत में आरोपों को तय करते हुए, जिला और सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा था कि दुष्कर्म पीड़िता के पिता को आरोपी सेंगर के खिलाफ दुष्कर्म के मामले में आगे बढ़ने से रोकने के लिए हथियार रखने के झूठे मामले में फंसाया गया था।