उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के मामले को असाधारण मानते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अतिरिक्त विशेष लोक अभियोजक ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को अधिकतम सजा देने का आग्रह किया। एक नाबालिग का 2017 में दुष्कर्म करने के मामले में सेंगर को सोमवार को दोषी करार दिया गया।
सीबीआई के अतिरिक्त विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) भारतेंदु ने कहा कि दुष्कर्म सिर्फ शारीरिक हमला नहीं होता है, बल्कि मानसिक रूप से भी काफी आघात पहुंचता है और ‘अनुचित सहानुभूति से सजा का संतुलन बाधित हो सकता है, जिससे इसका सामाजिक प्रभाव होगा।’
भारतेंदु ने अपने तर्को के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया, और उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से विधायक को सख्त सजा देने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों के प्रभाव को देखते हुए आरोपी को अधिकतम दंड मिलना चाहिए।
एसपीपी ने कहा कि ऐसे मामलों में दंड के अलावा पीड़ित पक्ष को मुआवजा भी मिलना चाहिए।
सेंगर ने 2017 में उन्नाव की महिला को कथित रूप से अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया था, जब वह नाबालिग थी। पीड़िता द्वारा लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक आवास के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश करने के बाद दुष्कर्म का मामला हुआ था।
पीड़िता के पिता को सेंगर के भाई अतुल सेंगर द्वारा पीटने और बुरी तरह घायल होने के बावजूद उसे अस्पताल ले जाने के बजाय जेल ले जाने तथा दो दिन बाद पुलिस हिरासत में उसकी मौत होने के बाद पीड़िता ने यह कदम उठाया था। अतुल सेंगर द्वारा पीड़िता के पिता को पीटने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला उठा था।