उत्तरप्रदेश के उन्नाव में दुष्कर्म तथा पीड़िता की जलाकर मौत के मामले में योगी सरकार ने बड़ा कार्रवाई की है। इस प्रकरण में ढिलाई बरतने के मामले में सात पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। पुलिस प्रशासन ने ढिलाई बरतने के मामले में रविवार देर रात एक इंस्पेक्टर, दो दारोगा तथा चार सिपाही को निलंबित कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रांत वीर के मुताबिक, इनका निलंबन उन्नाव के थाना बिहार में अपने काम के प्रति लापरवाही बरतने और अपराध नियंत्रण व अभियोगों से संबंधित घटित घटनाओं के प्रति लचर रवैया अपनाने के लिए किया गया है।
उन्नाव के बिहार थाना के प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी को सस्पेंड किया गया है। बीट-हल्का प्रभारी दारोगा अरविन्द सिंह रघुवंशी तथा दारोगा श्रीराम तिवारी को निलंबित किया गया है।
इनके अलावा बीट आरक्षी अब्दुल वसीम, आरक्षी पंकज यादव, आरक्षी मनोज के साथ आरक्षी संदीप कुमार को कार्य के प्रति लापरवाही, अपराध नियंत्रण-अभियोगों से संबंधित घटनाओं के प्रति शिथिलता के कारण सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।
एसपी विक्रांत वीर ने बताया, “निलंबित किए गए पुलिस कर्मियों ने कार्य के प्रति लापरवाही, अपराध नियंत्रण, घटनाओं व दर्ज एफआईआर में शिथिलिता बरती, जिस वजह से इनके विरुद्घ कार्रवाई की गई है।”
ज्ञात हो कि उन्नाव की पीड़िता पांच दिसंबर को दुष्कर्म के मामले में पैरोकारी के लिए रायबरेली जा रही थी। तभी कुछ लोगों ने उस पर पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया था। इसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में शुक्रवार रात 11.40 बजे उसकी मौत हो गई।
पीड़िता की मौत गंभीर रूप से जलने की वजह से हुई। उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने का ऐलान किया है।