हैदराबाद में वेटेनरी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसे जिंदा जलाए जाने की घटना के कुछ दिनों बाद ही उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गुरुवार को ऐसे ही दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक दुष्कर्म पीड़िता को आरोपियों ने उसे जिंदा जलाने की कोशिश की। हालांकि सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता को लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पीड़िता 90 प्रतिशत तक झुलस चुकी है।
पिछले वर्ष आरोपियों ने किया था दुष्कर्म
उन्नाव के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद पांडेय ने बताया, “बिहार थाना क्षेत्र के हिंदूनगर गांव में एक दुष्कर्म पीड़िता को गुरुवार को पेट्रोल डालकर जलाने का प्रयास किया गया। आरोपियों को पकड़ने के लिए चार टीमें लगाई गई थीं। पांचों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।” पीड़िता के साथ आरोपियों ने बीते वर्ष दिसंबर में दुष्कर्म किया था लेकिन एक स्थानीय कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मामले को रायबरेली जिले में मार्च में दर्ज किया गया।
आग से सुलगते हुए अपने बचाव के लिए भाग रही थी पीड़िता
लखनऊ में पीड़िता ने उप विभागीय दंडाधिकारी दयाशंकर पाठक को अपना बयान देते हुए कहा कि हरिशंकर द्विवेदी, शुभम द्विवेदी, शिवम द्विवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी और उमेश वाजपेयी ने उस पर हमला किया और आग लगा दी। पुलिस ने कहा कि जब उसे आग लगाई गई, उसने अपने बचाव के लिए भागने की कोशिश की और कुछ ग्रामीण उसे देख सहायता करने वहां पहुंचे।
एक आरोपी के साथ रिलेशनशिप में थी पीड़िता
उसने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम द्विवेदी ने दिसंबर 2018 में उसका अपहरण और दुष्कर्म किया था। हालांकि इस संबंध में एफआईआर इस वर्ष मार्च में दर्ज हुआ। लखनऊ जोन के महानिरीक्षक एस.के. भगत ने कहा, “अपने एफआईआर में, महिला ने कहा कि आरोपियों में से एक उसके साथ 2018 में रिलेशनशिप में था। लेकिन वह शादी का झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण करता था। बाद में उसने शादी करने से इंकार कर दिया और एक अन्य दोस्त के साथ उसका रेप किया।”
दुष्कर्म मामले में पैरवी के लिए जा रही थी पीड़िता
ज्ञात हो कि उन्नाव के बिहार थानाक्षेत्र के हिन्दूनगर गांव की युवती के साथ दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद दो नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। युवती इसी मामले की पैरवी के लिए गुरुवार को रायबरेली जा रही थी। गुरुवार तड़के करीब चार बजे पीड़िता रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा स्टेशन के लिए निकली थी, तभी गांव के बाहर खेत में दोनों आरोपी व उनके तीन साथियों ने उसके ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
विपक्ष सरकार पर हमलावर, सीएम के इस्तीफे की मांग
मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग(एनसीडब्ल्यू) ने स्वत: संज्ञान लिया है। प्रदेश के डीजीपी ओ.पी. सिंह को पत्र लिखते हुए एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने घटना पर विस्तृत रपट मांगी है। वहीं इस मामले पर अब राजनीतिक दलों ने सत्ता पक्ष को घेरना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी(सपा)और कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाये जाने के दुस्साहस की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार का सामूहिक इस्तीफ़ा होना चाहिए.
माननीय न्यायालय से गुहार है कि वो इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता के समुचित उपचार व सुरक्षा की तत्काल व्यवस्था के निर्देश दे.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 5, 2019
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, “उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाए जाने के दुस्साहस की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश की भाजपा सरकार का सामूहिक इस्तीफा होना चाहिए। न्यायालय से गुहार है कि वो इस घटना की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता के समुचित उपचार व सुरक्षा की तत्काल व्यवस्था के निर्देश दे।”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने उन्नाव में दुष्कर्म पीड़िता को जलाए जाने की घटना को सरकार के लिए कलंक बताया है।
उन्होंने कहा, “प्रदेश अपराधियों का चारागाह बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रदेश नहीं संभल रहा है। उन्हें गोरखपुर लौट जाना चाहिए।”
सीएम योगी ने दिए सरकारी खर्च पर चिकित्सा के आदेश
उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पीड़िता को सरकारी खर्च पर हर संभव चिकित्सा दी जाए। इसके साथ ही योगी ने जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर कोर्ट से प्रभावी दंड दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए।
5 आरोपी पूछताछ के लिए गिरफ्तार
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने लखनऊ के कमिश्नर और आईजी को तत्काल घटनास्थल का निरीक्षण कर गुरुवार शाम तक अपनी रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्नाव पुलिस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार करके पूछताछ कर रही है।
राज्यसभा सभापति ने मामले पर चर्चा की नहीं दी अनुमति
इससे पहले इसी मुद्दे पर राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस ने चर्चा कराने की मांग की, जिसके बाद उच्च सदन स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस सांसदों ने इस मुद्दे पर चर्चा चाहा, लेकिन मामले को सूचीबद्ध नहीं किया गया। सभापति एम. वेंकैया नायडू ने मामले पर चर्चा की अनुमति देने से इंकार कर दिया।
इस पर विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने चर्चा की मांग की। नायडू ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की, लेकिन सदस्यों ने उन्हें अनसुना कर दिया, जिसके बाद उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी।