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    अमित शाह और उद्धव ठाकरे

    आगामी चुनाव में सीटों के लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच आज आखिरी बातचीत हो सकती है। सोमवार को सीटों व निर्वाचन क्षेत्रों को लेकर सब तय हो जाएगा। सीटों के बंटवारे को लेकर शिवसेना ने कुछ शर्ते रखीं हैं, जिन्हें पूरा करने में भाजपा को मुश्किलें आ रही हैं।

    शिवसेना ने पहली मांग यह रखी है कि महाराष्ट्र में सीएम उनकी पार्टी से होना चाहिए। दूसरी यह कि पालघर लोकसभा चुनाव सीट चाहती है। ज्ञात हो कि उपचुनाव में पालघर सीट से भाजपा जीती थी और शिवसेना बहुत कम सीटों के कारण नंबर दो पर रह गई थी।

    भाजपा सांसद चिंतामन वंगा के निधन के बाद राज्य में उपचुनाव हुए थे। बाद में उनके बेटे श्रीनिवास शिवसेना में शामिल हुए। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा ने वंगा परिवार की उपेक्षा की और भाजपा ने विजेता बने राजेंद्र गावित को उपचुनाव का टिकट दिया।

    बीजेपी के एक सूत्र ने बताया कि यदि सौदे पर सहमति हो जाती है तो अमित शाह मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ सोमवार शाम को मातोश्री (ठाकरे के निवास) का दौरा करेंगे। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

    वहीं शिवसेना के सूत्र का कहना है कि “शाह और फड़नवीस आज शाम को मातोश्री आएंगे। गठबंधन की घोषणा हो सकती है, लेकिन अभी भी बातचीत जारी है। भाजपा मुख्यमंत्री पद को लेकर ‘रोटेशनल अवधि’ पर राजी है लेकिन शिवसेना को पूरे कार्यकाल तक अपनी पार्टी का सीएम चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी को हमारी पालघर सीट वाली शर्त भी माननी पड़ेंगी।”

    पिछले महीने हुई एक महत्वपूर्ण पार्टी बैठक के बाद शिवसेना ने घोषणा की थी कि वह महाराष्ट्र में हुए गठबंधन में “बड़े भाई” की भूमिका निभाएगी।

    ज्ञात हो कि महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना-भाजपा का गठबंधन 1995 में हुआ था। सेना ने 169 उम्मीदवारों को चुना था जिनमें से 73 विजयी थे। जबकि भाजपा ने 116 सीटों में से 65 सीटों पर चुनाव लड़ा था। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं।

    भाजपा जहां लोकसभा चुनाव के लिए शिवसेना के साथ समझौते से किनारा करना चाहती है, वहीं शिवसेना राज्य चुनावों के लिए भी भाजपा के साथ अपने गठबंधन को सुनिश्चित करना चाहती है।

    फिलहाल के लिए भगवा पार्टी विधानसभा सीट बंटवारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं देगी।

    2014 के राज्य चुनावों में भाजपा ने 122 सीटों पर कब्जा किया था जबकि शिवसेना 63 सीटों पर ही सिमट गई थी। बहुत मुश्किलों के बाद भाजपा औऱ शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री के कुर्सी के साथ, 50-50 सीटों के बंटवारे फार्मूले पर सहमति बन पाई है।

    यह पहले ही एक ऐसी स्थिति है जिसे भाजपा ने बाध्य होकर माना था। शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, “अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होंगे, तो वह महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री रहेगा।”

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