2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र लोकसभा में सबसे ज्यादा सदस्य भेजने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में इस बार कुछ अलग समीकरण नज़र आ सकते हैं। हिंदी अखबार दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और अजीत जोगी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल के बीच कांग्रेस मुक्त महागठबंधन को लेकर एक समझौता हुआ है।
इस नए समीकरण के अनुसार नए गठबंधन में कांग्रेस के लिए सिर्फ 2 सीटों का प्रावधान है। रायबरेली और अमेठी की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी जायेगी। रायबरेली से यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गाँधी और अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी चुनाव लड़ते हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार सपा और बसपा कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने के बजाये अन्य छोटी पारियों को सीटें देने पर विचार कर रही है जिसमे ॐ प्रकाश राजभर कि पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी शामिल है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी वर्तमान में एनडीए का हिस्सा है लेकिन अक्सर नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ बयां देती रहती है। उम्मीद है जल्द ही वो एनडीए से बाहर होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक़ समाजवादी पारी 37 सीट, बहुजन समाज पार्टी 38 सीट पर चुनाव लड़ेगी जबकि 5 सीटें राष्ट्रीय लोक दल और अन्य छोटी पार्टियों के बीच बटेंगी। उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं जिसमे से 2014 में भाजपा ने 73 सीटें जीती थी।
सोमवार को मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के शपथग्रहण समारोह से मायावती और अखिलेश यादव दोनों अनुपस्थित रहे थे उसके बाद डीएमके अध्यक्ष स्टालिन द्वारा राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताये जाने के बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि जरूरी नहीं जो स्टालिन का विचार है सब का वही विचार हो।
बसपा सूत्रों के अनुसार हाल में विधानसभा चुनावों में अगर कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छ अता तो इसका ये मतलब नहीं कि बसपा पर कांग्रेस के साथ उत्तर प्रदेश में गठबंधन करने का दवाब है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया था और नतीजा सबके सामने है।