उत्तर प्रदेश सरकार अब निजी विश्वविद्यालयों पर शिंकजा कसने जा रही है। उच्च शिक्षा विभाग ने आदर्श परिनियमावली तैयार करके सभी निजी विश्वविद्यालयों को भेजी है। सरकार की ओर से भेजे निर्देश में कहा गया है कि निजी विश्वविद्यालयों में कुलपति पांच साल के लिए नियुक्त किए जाएंगे।
विशेष सचिव (उच्च शिक्षा) मनोज कुमार की ओर से सभी 27 निजी विश्वविद्यालयों को आदर्श परिनियमावली भेज दी गई है। परिनियमावली के अनुसार, शैक्षिक सत्र की शुरुआत से पहले सभी निजी विश्वविद्यालय अपना एकेडमिक कैलेंडर बनाएंगे और उसे कार्यपरिषद से पारित करवाएंगे। निजी विश्वविद्यालय राज्य सरकार की स्वीकृति लेकर अपने दीक्षांत समारोह में प्रतिष्ठित व्यक्ति को मानद उपाधि भी दे सकेंगे। शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करना होगा।
निजी विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि उन्हें अब अपना एकेडमिक कैलेंडर वेबसाइट पर ऑनलाइन करना होगा। उन्हें विश्वविद्यालय में एकेडमिक काउंसिल, वित्त समिति सहित विभिन्न समितियों, कुलपति, प्रतिकुलपति, प्रॉक्टर सहित विभिन्न अधिकारियों, शिक्षक व कर्मचारियों की नियुक्ति नियमों के तहत करनी होगी।
सरकार की ओर से निजी विश्वविद्यालयों से तत्काल परिनियमावली मंगवाई गई है। इसे तत्काल प्रभाव से भेजना है। वे अगर समय से नहीं भेज पाए तो उसे स्वत: ही पास माना जाएगा। इसके तैयार होने के बाद निजी विश्वविद्यालयों की मनमानी पर ब्रेक लगेगा। उन्हें शिक्षकों व कर्मचारियों को मनमाने ढंग से निकालने की छूट नहीं होगी। अगर कोई अनुशासनहीनता का आरोपी है तो उसे अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। कार्यपरिषद द्वारा एक जांच कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दो माह के अंदर कार्रवाई की जाएगी।