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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में शोहदों और मनचलों की अब खैर नहीं है। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को कम करने के लिए युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने महिलाओं के लिए एक खास तरह का उपकरण बनाया है। इसके माध्यम से मुसीबत में फंसी महिलाएं लिपस्टिक से न केवल गोली चला सकती हैं, बल्कि पुलिस को भी तत्काल बुला सकती हैं। यह गन शोहदों के लिए शामत बन सकती है।

    युवा वैज्ञानिक श्याम चौरसिया ने आईएएनएस को बताया कि वह अशोका इंस्टीट्यूट वाराणसी में पार्ट टाइम नौकरी करते हैं। वह पहले भी महिला सुरक्षा के लिए बहुत सारे उपकरण बना चुके हैं, लेकिन लिपस्टिक गन बहुत उपयोगी सिद्घ हो सकती है। इसका पूरा नाम ‘स्मार्ट एंटी टीजिंग लिपस्टिक गन’ है। यह देखने में बिल्कुल लिपिस्टिक जैसी है मगर यह मनचलों व शोहदों को सबक सिखाने में बहुत कारगर हो सकती है।

    उन्होंने बताया कि इस गन में एक ट्रिगर लगा हुआ है जो बंदूक चलने की तेज आवाज निकालता है। इसकी आवाज एक किलो मीटर तक सुनी जा सकता है। अगर कोई महिला मुसीबत में है तो ऐसी फायरिंग की आवाज आस-पास के लोगों का ध्यान उनकी ओर खींचेगा और वह बच जाएंगी। इसमें ब्लूटूथ सेंसर डिवाइस लगाया गया है, जिसे ट्रिगर के जरिए स्मार्टफोन से कनेक्ट किया गया है। लिपस्टिक में लगे फायर ट्रिगर को दबाते ही लाइव लोकेशन के साथ पुलिस कंट्रोल के 112 नंबर व परिवार के सदस्यों के पास फोन लग जाता है। खास बात यह कि लाइव लोकेशन की मदद से समय रहते पुलिस घटना स्थल पर पहुंच सकती है। पुलिस के पहुंचने तक बचाव के लिए लिपिस्टिक गन से फायरिंग कर महिलाएं अपनी सुरक्षा कर सकती हैं।

    उन्होंने बताया कि इसे तैयार करने में करीब छह माह का वक्त लगा है। इसे बनाने में 3.7 प्वॉइंट की बैटरी और ब्लूटूथ का प्रयोग किया गया है। एक बार चार्ज करने के बाद यह कई दिनों तक चल सकता है। लिपस्टिक गन बनाने में 650 रूपये का खर्च आया है। इसका वजन प्रोटोटाइप में तकरीबन 70 ग्राम है।

    श्याम ने बताया कि लिपस्टिक गन में लगा ट्रिगर दबते ही ब्लूटूथ के माध्यम से आपका स्मार्टफोन अनलॉक होकर खुद-ब-खुद 112 नंबर या आखिरी बार डायल किए गए नंबर पर फोन करेगा। इतना ही नहीं मौके की ऑडियो रिकॉर्डिग भी परिजनों के मोबाइलों में होती रहेगी।

    उन्होंने बताया कि लिपस्टिक गन में दो माइक लगाए गए हैं, जिसके माध्यम से फोन करने वाली महिला की और वहां मौजूद लोगों एवं आस-पास की आवाज स्पष्ट सुनी जा सकती है। युवा वैज्ञानिक ने बताया कि इससे पहले उन्होंने एक सैंडल भी बनाई थी जिसका नाम एंटी रेप सैंडल रखा गया है। यह भी महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी है।

    श्याम ने बताया, “मैं महिला सुरक्षा पर बहुत दिनों से काम कर रहा हूं पर अभी तक सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है। इस बारे में सरकार को पत्र भी लिखा है। योगी सरकार को मेल भी कर चुका हूं। लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला है। अगर हमारा देश ‘मेक इन इंडिया’ की बात करता है तो यह बहुत उपयोगी सिद्घ हो सकता है।”

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