उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त आदेश दिया है कि 10 जनवरी तक सभी आवारा गायों को गौ संरक्षण केंद्र में पहुँचाया जाए और उनके लिए चारा -पानी की भी व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि कांजी हाउस का नाम बदल कर गो-संरक्षण केंद्र किया जाए और वहां आवारा गायों के देखभाल की समुचित व्यवस्था की जाए।
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मुख्यमंत्री आदेश दिया कि जिन गो-संरक्षण केंडो में चारदीवारी नहीं है वहां फेसिंग की जाए और हर गो-संरक्षण केंद्र में एक चौकीदार की न्युक्ति की जाए जो आवारा पशुओं की देखभाल करे।
मुख्यमंत्री ने 16 नगर निगमों को 10 -10 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं और प्रत्येक जिले को 1.2 करोड़ रुपये गौशाला के स्थापना करने के लिए आवंटित किये गए हैं। उन्होंने कहा की ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में गायों के लिए चारा-पानी और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि सड़क पर छोड़ देने वाले आवारा पशुओं के माहिलों का पता चला कर उनपर सख्त कारवाई की जाए और जो भी मालिक अपने पशु को गौ-संरक्षण केंद्र से छुडाने आता है उससे जुर्माना वसूला जाए।
गोआरी गाँव में 24 और 25 दिसंबर को ग्रामीणों ने करीब 700 आवारा गायों को सरकारी स्कूल के कैम्पस में बंद कर दिया जिसके कारण अगली सुबह शिक्षकों को स्कूल के बाहर कक्षा का सञ्चालन करना पड़ा। ग्रामीणों का कहना था कि आवारा पशु उनके फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने सरकार से गौशाला की मांग की है।
स्कूल में बंद गायों को छुडाने गए पुलिस अधिकारियों को स्थानीय लोगों के पत्थार्बाई का सामना करना पड़ा था जिसपर विपक्षी दलों ने योगी सरकार की तीखी आलोचना की थी।
अब जबकि सरकार ने गौ संरक्षण केंद्र के निर्माण के लिए फंड भी जारी कर दिए हैं तो उम्मीद है कि लोगों को आवारा पशुओं से छुटकारा मिल जाएगा।