उत्तर प्रदेश में भीषण ठंड से भगवान को परेशानी का सामना न करना पड़े, इसलिए उन्हें ऊनी वस्त्र पहनाए जा रहे हैं। वाराणसी के बड़ा गणेश मंदिर में जहां देवता को रजाई ओढ़ाई गई है, वहीं उनके मूषक ने भी शॉल ओढ़ रखा है।
शिव मंदिर में शिवलिंग को शॉल ओढ़ाया गया है।
आचार्य समीर उपाध्याय ने कहा कि मंदिर में एक बार जब देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा के बाद स्थापना कर दी जाती है, तब उनकी देखभाल जीवित व्यक्ति की तरह किया जाता है और इसलिए उन्हें हर मौसम से बचाया जाता है।
अयोध्या में भी राम जन्मभूमि स्थल पर रामलला को एक कंबल ओढ़ाया गया है, हालांकि मूर्ति खुले में रखी गई है, इसलिए वहां एक हीट ब्लोअर भी लगाया गया है।
वहीं भगवान कृष्ण के बाल अवतार ‘लड्डू गोपाल’ का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मथुरा और वृंदावन के विभिन्न मंदिरों में देव को ढंकने के लिए छोटे ऊनी स्वेटर और शॉल का इस्तेमाल किया जा रहा है, वहीं भक्तों के लिए अलाव जलाए जाते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, कई मंदिरों में देवी-देवताओं को ऊनी व पहनाए और ओढ़ाए जा रहे हैं।