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    कांग्रेस द्वारा लगातार ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के साथ ही योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार बैकफुट पर आ गई है।

    सरकार ने, मैनपुरी में जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ रही एक लड़की की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर हुए हंगामे के बाद मैनपुरी के एसपी को हटाकर मामला सीबीआई को सौंप दिया है। पीड़िता के परिवार ने मामले पर संदेह जताया, जबकि स्थानीय पुलिस ने इसे आत्महत्या करार दिया।

    16 सितंबर को 11वीं कक्षा की छात्रा 17 वर्षीय अनुष्का पांडे का शव उसके हॉस्टल के कमरे की छत से लटका हुआ मिला था।

    कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाने के लिए अपने ब्राह्मण चेहरे जितिन प्रसाद को कमान सौंपी, जिन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और इस मामले की सूचना कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को दी। इसके बाद प्रियंका ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा।

    प्रसाद ने आईएएनएस से कहा, “पहले दिन से हम कह रहे हैं कि निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए, लेकिन इस सरकार द्वारा ब्राह्मणों को न्याय से वंचित रखा जाता है। सुरक्षा के बारे में भूलकर कई पीड़ित अभी भी न्याय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मैं उनकी परेशानी के लिए लडूंगा।”

    अब कांग्रेस ब्राह्मण समुदाय को यह बताने की कोशिश कर रही है कि वे भाजपा में किनारे कर दिए गए हैं और इस तरह से वह समुदाय के बीच पार्टी की पैठ बढ़ा सकते हैं।

    एन. डी. तिवारी राज्य के अंतिम ब्राह्मण मुख्यमंत्री थे। तब से किसी भी ब्राह्मण को राज्य की सत्ता हाथ नहीं लगी है।

    कांग्रेस ब्राह्मणों को भाजपा से अलग करने की सोची-समझी रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है।

    पूर्वी उत्तर प्रदेश की कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा कि यह घटना दिल को झकझोरने वाली थी और यह राज्य में विभिन्न संस्थानों में पढ़ने वाली लड़कियों की सुरक्षा के संदर्भ में महत्व रखती है।

    प्रियंका ने पत्र में लिखा, “सुभाष पांडे की बेटी का शव रहस्यमय परिस्थितियों में हॉस्टल में पाया गया था। उसके शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं थे। मृतक के परिवार ने कहा है कि लड़की की हत्या की गई थी।”

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