उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की एक अदालत ने नौ साल पूर्व महुआ का फूल बीनने के विवाद में एक बुजुर्ग और उसके बेटे की लाठी व कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या कर देने के मामले में दोष सिद्ध हो जाने पर बुधवार को चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और उनपर जुर्माना भी लगाया।
सहायक शासकीय अधिवक्ता कैलाश चौबे ने गुरुवार को बताया, “अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने महुआ का फूल बीनने के विवाद में नरैनी कोतवाली क्षेत्र के मोतियारी गांव में पांच अप्रैल, 2010 की सुबह बुजुर्ग रामबहोरी गुप्ता (65) और उसके पुत्र कामता (28) की लाठी व कुल्हाड़ी से हमला कर हत्या कर देने के मामले में मृतकों के ही परिवार के बलराम गुप्ता, जागेश्वर, मन्नीलाल और राजा गुप्ता को बुधवार (11 दिसंबर) को उम्रकैद की सजा सुनाई और साथ ही उनपर 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।”
उन्होंने बताया कि इसी मामले में दोष सिद्ध जागेश्वर की पत्नी निर्मला को दो साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
चौबे ने बताया “इस मामले में पुलिस ने मृतक रामबहोरी की बहू (मृतक कामता की पत्नी) उर्मिला की तहरीर पर 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन न्यायालय में दाखिल आरोप पत्र से चार आरोपियों के नाम हटा दिए थे। एक नाबालिग आरोपी का मुकदमा अभी किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।”