उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के जिलाधिकारी (डीएम) हीरालाल अक्सर कुछ ऐसा करते हैं, जिससे आम जनमानस हतप्रभ हो जाता है। गुरुवार को भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया। वह डिंगवाही गांव में एक किसान के खेत में हंसिया उठाकर खुद ही धान के फसल की कटाई करने लगे। इसके पहले वह ‘कुंआ पुजाई’ में भी खूब सुर्खियां बटोर चुके हैं।
जिलाधिकारी हीरालाल यहां अपनी तैनाती के समय से लेकर अबतक कई अभियान चलाकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। यह अलग सवाल है कि इन अभियानों का फायदा जनता तक कितना पहुंचा। गुरुवार को जिलाधिकारी ने बड़ोखर बुजुर्ग विकास खंड क्षेत्र के डिंगवाही गांव में फसल की ‘क्राफ्ट कटिंग’ (उपज का अनुमान) के लिए किसान प्रेमचन्द्र के खेत पहुंचे और खुद हंसिया उठाकर धान के फसल की कटाई करने लगे। किसान के रोकने पर जिलाधिकारी ने कहा कि वह भी किसान के बेटे हैं और खेती-किसानी में खासा दिलचस्पी रखते हैं।
हालांकि, डीएम द्वारा धान काटे जाने से आस-पास धान की कटाई में लगे किसान भी प्रेमचन्द्र के खेत पहुंच गए, और तब उन्हें पता चला कि अधिकारियों का अमला क्राफ्ट कटिंग यानी अनुमानित उपज का आंकलन करने आया है।
बांदा सदर के तहसीलदार अवधेश कुमार निगम ने बताया कि “डिंगवाही गांव में धान की औसत उपज 42.415 कुंटल प्रति हेक्टेयर आंकी गई है, जिसे अच्छा माना जा सकता है।”
गौरतलब है कि जिलाधिकारी ने लोकसभा चुनाव के दौरान 90 फीसदी मतदान के लिए ’90 प्लस’ का अभियान चलाया था, लेकिन 2014 के चुनाव से भी कम मतदान हुआ। इसके बाद पेयजल संकट से उबरने के लिए ‘कुंआ-तालाब जियाओ’ अभियान शुरू कर जिले भर के कुंओं और तालाबों की पूजा करवाई, लेकिन पेयजल संकट बरकरार रहा।
बुंदेलखंड किसान यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा कहते हैं कि “अब जिलाधिकारी ‘फसल कटाई’ अभियान शुरू करेंगे। बेहतर होता कि कर्ज और मर्ज से जूझ रहे किसानों के पक्ष में कोई कदम उठाया जाता, जिससे नीलाम होने के कगार पर पहुंच गई उनकी कृषि भूमि बचाई जा सके।”