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    उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में मंगलवार को 22 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता व कानून की छात्रा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बारादरी मामला सिर्फ ‘आत्महत्या के एक और मामले’ के तौर पर खारिज कर दिया, जिसके बाद मृतका की मां ने दावा किया कि उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था और पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से मना कर दिया था, जिससे पीड़िता ने मजबूरन आत्महत्या कर लिया।

    हालांकि अभी तक किसी तरह का सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है।

    पीड़िता ने दो महीने पहले एक सरकारी कर्मचारी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था।

    मृतका की मां के अनुसार, पुलिस ने शुरुआत में गांव के राजस्व क्लर्क के खिलाफ मामला दर्ज करने से मना कर दिया था, जिसके कथित रूप से अपने दोस्त के साथ मिलकर छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म किया था।

    मां ने पत्रकारों को बताया, “बीते साल अक्टूबर में एफआईआर दर्ज कराने के लिए हमें कोर्ट जाना पड़ा। बावजूद इसके मामले की सही से जांच नहीं की गई। मेरी बेटी पुलिस के रवैये से बहुत हताश थी। इसके अलावा आरोपी भी उसे धमकाते रहते थे।”

    वहीं बाराबंकी के एसपी आकाश तोमर ने सभी आरोपों को झूठा बताया।

    उन्होंने कहा कि दुष्कर्म मामले में ड्राफ्ट तैयार किया गया था, लेकिन उसे कोर्ट में अभी तक पेश नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मां की शिकायत पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।

    उन्होंने कहा, “आरोप है कि दोनों आरोपियों ने छात्रा और उसकी मां पर धोखाधड़ी का एक मामला दर्ज कराया था और लड़की की मां ने उन्हें दुष्कर्म के मामले में फंसाया था। अतिरिक्त एसपी (उत्तर) द्वारा जांच की जाने वाली सभी शिकायतें हमें मिल रही हैं।”

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