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    गंगा की पवित्रता को सभी प्रणाम करते हैं। फतेहपुर जिले के कल्याणपुर क्षेत्र के पुरानी कटरी मजरे भाऊपुर की लक्ष्मी देवी में भी गंगा की पवित्रता देखने को मिली है। कक्षा छह की 11 वर्षीय इस छात्रा ने अपने से करीब ढाई गुने उम्र के युवक से शादी करने से इंकार क्या किया, उसके निर्णय की चारों तरफ प्रशंसा होने लगी है। बाल संरक्षण आयोग, महिला आयोग और समाज सेवी संगठनों ने छात्रा के साहस को सलाम करना शुरू कर दिया है।

    यह बलिका उन सभी कानूनों से अनिभिज्ञ है, जिनके बल पर समाज को खड़ा करने के लिए कानून और आयोग प्रेरित करते हैं। लेकिन इसकी पढ़ाई की ललक ने निश्चय ही साहस का काम किया है।

    उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी ने आईएएनएस से कहा, “ऐसी बच्चियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। यह आगे चलकर रोल मॉडल बनेगी। ऐसी बच्चियों के स्कूल, कॉलेज में वक्तव्य होने चाहिए। इसके साहस को सलाम है। ऐसे लोगों को सामाजिक संगठन भी आगे बढ़ाने का कार्य करें, जिससे समाज में होने वाली कुरीतियां रुक सकें।”

    राज्य महिला अयोग की सदस्य सुनीता बसंल ने कहा, “समाज में अभी भी बाल विवाह के प्रचलन है। इसमें रोकथाम जरूरी है। इस बलिका के जज्बे को सलाम है, जिसने बड़ा साहसिक कदम उठाया है। इससे समाज में जागरूकता आएगी। इससे बाल विवाह जैसी घटनाएं रुकेंगी। इस तरह की बच्चियों को आगे लाने की जरूरत है। समाज को ऐसी छात्रा से सीखने की जरूरत है। ऐसी बलिकाओं से आयोग मिलेगा और इसके माध्यम से लोगों को जागरूक करेगा।”

    लखनऊ चाइल्ड लाइन के निदेशक अंशुमाली शर्मा ने कहा, “यह बहुत साहस भरा काम है। बाल विवाह सामजिक जागरूकता से रोका जा सकता है। यह अपने आप में बहुत सकारात्मक रुख है। बाल-विवाह रोकने में सामजिक संस्थाएं इसका ब्रांड एंम्बेस्डर के रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। यह बहुत सराहनीय कदम है। छात्रा की जितनी प्रशंसा की जाए, कम है।”

    गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में कल्याणपुर क्षेत्र में गंगा किनारे के पुरानी कटरी मजरे भाऊपुर निवासी लक्ष्मी देवी श्री सद्गुरु देव जूनियर हाईस्कूल में कक्षा छह की छात्रा है। पिता सूरजभान निषाद ने उसका विवाह जिला उन्नाव के बीघापुर के भगानाखेड़ा मजरे दूलीखेड़ा निवासी 28 वर्षीय रोहित निषाद के साथ 10 दिसंबर को तय कर दिया। यह बात छात्र को पता चली तो उसने विरोध शुरू कर दिया। किसी ने उसकी नहीं सुनी। तब छात्रा ने पुलिस की मदद ली। रविवार को घर के सभी सदस्य खेत चले गए तो लड़की ने मोबाइल से डायल 112 पर कॉल कर पूरी बात बताई। आधा घंटा के अंदर पीआरवी पहुंची और उसे सीधे थाने ले गई।

    बलिका ने पुलिस को बताया कि जिससे शादी तय हुई, वह युवक अक्सर घर आता है। पिता के साथ बैठकर शराब पीता है। जब छात्रा ने पिता से कहा, “अभी पढ़ने दो, शादी बाद में कर देना” तो उन्होंने स्कूल जाने से रोक दिया और डांटते हुए कहा कि “तुम्हारी मेरे सामने यह सब कहने की हिम्मत कैसे हुई।” मां ने भी यह कहकर शांत कर दिया कि “बेटी विवाह तो एक दिन होना ही है। लड़का जान-पहचान का है, शादी कर लो।”

    कल्याणपुर के थानाध्यक्ष जे.पी. उपाध्याय ने आईएएनएस से कहा, “बच्ची के पिता को समझा दिया गया है कि अभी उसे पढ़ाई करने दो, बालिग होने पर विवाह करें। उसका पिता राजी हो गया है। उस हल्के के बीट इंचार्ज को इस पूरे मामले पर नजर रखने को कहा गया है। पुलिस लड़की का नियमित तौर पर हाल-चाल लेती रहेगी।”

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