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    उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव

    उत्तर प्रदेश निकाय चुनावों में सभी पार्टियों ने दिल्ली से सटे गाजियाबाद नगर निगम पर कब्जे के लिए पूरी ताकत लगा दी है। 26 नंवबर को गाजियाबाद में निकाय चुनाव होने है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के करीब होने की वजह से आप आदमी पार्टी ने भी गाजियाबाद में अपने उम्मीदवार खड़े किए है। वहीं प्रसाशन का कहना है कि चुनाव कि पूरी तैयारी हो गई है। कुछ दिन पहले गाजियाबाद के जिलाधिकारी ने कहा कि गाजियाबाद में कुल 9 निकायों में चुनाव होने है जिसमें एक नगर निगम, चार नगर परिषद और चार नगर पंचायत शामिल है। निकाय चुनाव 26 नंवबर को सुबह 7:30 से लेकर शाम 5:00 तक होंगे।

    गाजियाबाद निकाय चुनाव को देखते हुए भाजपा, कांग्रेस और सपा की स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। लेकिन इस बार बहुजन समाजवादी पार्टी के निकाय चुनाव में प्रवेश करने से सभी पार्टियों में हलचल दिखने लगी है। अगर देखा जाए तो भाजपा पहले से ही गाजियाबाद में अपना पैर पसारे हुई है। मथुरा-वृन्दावन और आगरा के साथ-साथ बीजेपी गाजियाबाद में भी इतिहास रचने की ताक में है। बीजेपी ने वार्डो की सूची तैयार कर ली है और अपने मेयर प्रत्याशी का नाम भी घोषित कर दिया है। बीजेपी ने आशा शर्मा को गाजियाबाद से अपना उम्मीदवार बनाया है।

    चुनाव को लेकर दूसरी पार्टियों ने भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सपा विधायक ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता ने वर्तमान सरकार को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि सभी वर्ग के लोग भाजपा सरकार के रवैये से आहत है। जो वादें जनता के साथ किये गए थे वो आज तक पूरे नहीं हुए है। गाजियाबाद में जो भी विकास हुआ है वह समाजवादी पार्टी का कराया हुआ है। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर विपक्ष भाजपा पर हमला बोलने से नहीं चूक रही है और एक के बाद एक हमले किये जा रही है। एक समारोह में भाग लेने पहुंचे नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी पहली बार अपने कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव लड़ रही है। इस चुनाव में सपा बड़ी जीत हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश की सरकार जनता का कम ख्याल रखती है। भाजपा झूठ, प्रपंच और तरह-तरह के प्रलोभन देकर जनता को ठगना चाहती है लेकिन जनता इनको अब पहचान चुकी है और वह अब इनके झांसे में नहीं आने वाली है। हमें पता है कि वोट लेने के लिए भाजपा किस स्तर तक जा सकती है और उसके नेता किस स्तर तक जा सकते है।

    सूत्रों की मानें तो भाजपा गाजियाबाद में मजबूत स्थिति में है। भाजपा ने अपने पैर यहाँ पहले से ही जमा कर रखे है। 18 नंवबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में एक सभा को सम्बोधित करते हुए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि मार्च से पहले उत्तर प्रदेश को स्थिति बहुत ही दयनीय थी लेकिन जब से भाजपा की सरकार ने कमान संभाला है तब से काफी सुधार हुए है। उन्होंने पिछली सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि मार्च से पहले यहाँ कोई कानून व्यवस्था नहीं थी। उद्योग, व्यवसाय तबके के लोग और नौजवान यहाँ से पलायन कर रहे थे। बूचड़खानों का जिक्र करते हुए योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जगह-जगह अवैध बूचड़खाने थे जिन पर पिछली सरकार का कोई नियंत्रण नहीं था। यह सूबे की कानून व्यवस्था को मुँह चिढ़ा रही थी। लेकिन जब से भाजपा की सरकार प्रदेश में स्थापित हुई है तब से यहाँ की स्थिति में काफी सुधार आया है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान अयोध्या का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार अयोध्या की दीपावली पूरी दुनिया ने देखी है। अगर जनता ने निकाय चुनाव में साथ दिया तो हर नगर निगम में वैसी ही दीपावली मनाई जाएगी। योगी ने गाजियाबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही।

    उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा के चुनावी प्रचार की कमान संभाले हुए है। इस चुनाव को लेकर वह बहुत ही सक्रिय भी दिख रहे है। योगी ने यूपी निकाय चुनाव को लेकर पूरा जोर लगा दिया है। वैसे देखा जाये तो बीजेपी के लिए गाजियाबाद निकाय चुनाव अब थोड़ा मुश्किल लग रहा है। बहुजन समजवादी पार्टी के चुनाव में आ जाने से सभी पार्टियों में हलचल का माहौल है। इसका कारण है कि साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र का 70 फीसदी, शहरी विधानसभा क्षेत्र से 100 फीसदी और मुरादनगर सीट का 60 फीसदी मेयर सीट के दायरे में आता है। तीनो विधानसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में बसपा का दलित वोट बैंक ज्यादा तादात में है।

    गाजियाबाद का क्षेत्रफल 133 वर्ग किलोमीटर है और यहाँ की कुल आबादी 23,81,452 है। गाजियाबाद के वर्तमान मेयर आशु कुमार वर्मा है जो कि बीजेपी के नेता है। देखा जाये तो वर्तमान में भाजपा गाजियाबाद में पूर्णरूप से काबिज है। 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहाँ से जीत हासिल की थी। पूर्व थल सेनाध्यक्ष श्री विजय कुमार सिंह यहाँ के लोकसभा सांसद है। उन्होंने कांग्रेस नेता राज बब्बर को पराजित किया था। लगभग एक दशक से बीजेपी गाजियाबाद की लोकसभा सीट जीत रही है। इसके पहले राजनाथ सिंह ने 2009 में कांग्रेस नेता सुरेंद्र प्रकाश गोयल को पराजित कर लोकसभा सीट हासिल की थी।

    हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपने दबदबे को को फिर से साबित किया है। 2 मार्च को हुए चुनाव में गाजियाबाद में भाजपा के अतुल गर्ग ने बसपा प्रत्याशी को हरा कर जीत दर्ज की थी। गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र में कुल 13,56,843 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। अगर धर्म के आधार पर देखा जाये तो क्षेत्र में हिन्दुओं की आबादी ज्यादा है। 72.93% हिन्दू, 25% मुस्लिम, 0.41% ईसाई और 0.90% सिख गाजियाबाद शहरी क्षेत्र में है। इनमें से डेढ़ लाख आबादी दलित है जिनकी निकाय चुनाव में अहम भूमिका होगी।

    गाजियाबाद में मेयर और पार्षद का चुनाव ईवीएम मशीन द्वारा किया जायेगा। जबकि नगर पालिका और नगर पंचायत का चुनाव बैलेट पेपर से कराया जायेगा। अब योगी किस तरह से दलित वोट को अपनी ओर करते है और गाजियाबाद निकाय चुनाव में अपनी प्रतिष्ठा को कैसे कायम रखते है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।