उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और अब अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) आयोग के अध्यक्ष बृजलाल तथा चार अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह मामला 2011 में नौकरी से निकाले गए एक कॉन्सटेबल की शिकायत पर इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी में नामजद अन्य पुलिस अधिकारियों में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोज कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शकील अहमद, रिजर्व पुलिस लाइन्स के तत्कालीन निरीक्षक राम बहादुर सिंह और शहर कोतवाली के तत्कालीन स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) योगेंद्र प्रसाद हैं।
मामला 2011 का है जब नौकरी से निकाले गए कॉन्सटेबल ब्रजेंद्र सिंह यादव की शिकायत पर स्थानीय कोर्ट ने पुलिस को ब्रजलाल और चार अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
यादव ने आरोप लगाया था कि उसने अराजपत्रित पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के लिए एक कल्याणकारी ट्रस्ट बनाई थी, जिसके कारण वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उसका शोषण किया था।
यादव ने कहा कि जब उसने अराजपत्रित पुलिसकर्मियों के वेतन से 25 रुपये प्रति महीने कटने का मुद्दा उठाया तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उसका शोषण किया था।
बृजलाल ने कहा, “अन्य पुलिसकर्मियों को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भड़काने के कारण कॉन्सटेबल को निकाला गया था। उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी।”