उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य भर में ‘कांजी हाउस’ (जहां आवारा मवेशियों को रखा जाता है) का नाम बदलकर ‘गौ सरंक्षण केंद्र’ रखने का आदेश दिया है।
बुधवार को विडियो कांफ्रेंस के जरिये जिलाधिकारियों को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि 10 जनवरी तक सभी आवारा गायों को गौ संरक्षण केंद्र में पहुँचाया जाए और उनके मालिकों को खोज कर उनपर कड़ी कारवाई की जाए। इसके अलावा जो भी मालिक गौ संरक्षण केंद्र में अपने मवेशी को लेने आये उसपर कड़ा जुर्माना लगाया जाए।
नाम न बताने की अह्स्र्ट पर एक अधिकारी ने बताया कि शहरी विकास विभाग शहरी क्षेत्रों में कांजी हाउस का नाम बदलेगा जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज विभाग के जिम्मे ये काम है। राज्य में करीब 111 कांजी हाउस हैं और आदित्यनाथ इनके पुनरुद्धार पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी गौ संरक्षण केंद्र में मवेशियों के लिए चारा और पानी उपलब्ध करान एका भी आदेश दिया है। इसके अलावा जिन जिन गौ संरक्षण केंद्र में चारदीवारी नहीं है उसकी फेसिंग करने का भी आदेश दिया है। इसके अलावा गाय संरक्षण केंद्र में पशुओं की देखभाल के लिए एक चौकीदार को नियुक्त करने का फरमान सुनाया गया है।
र्ज़ाज्य्सरकर ने प्रत्येक जिले को 1.2 करोड़ रुपये नए गौशाला के निर्माण के लिए जारी किये हैं। इससे ना सिर्फ गौशाला का निर्माण करना है बल्कि उनकी देखभाल भी करनी है।
अभी हल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने आवारा पशुओं की देखभाल और सुरक्षा के लिए गौ कल्याण उपकार लगाने का भी आदेश दिया है। चूंकि राज्य सरकार के पास पर्याप्त धन नहीं है, इस उद्देश्य के लिए उसने नए रास्ते खोजने का सहारा लिया है। इसने 2017-2018 में ’कान्हा गौशाला’ और आवारा पशुओं के लिए अन्य योजनाओं के लिए 60 करोड़ रुपये रखे थे। 2018-2019 में चारा, आदि के लिए 23.5 करोड़ रुपये के साथ गाय आश्रय निर्माण के लिए 95 करोड़ रुपये रखे गए हैं।