15 जनवरी को मायावती का जन्मदिन है। बसपा सूत्रों के अनुसार उनके जन्मदिन के अवसर पर लखनऊ में विपक्षी नेताओं का जुटान होगा और इसी दिन मायावती 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने चुनावी अभियान का आगाज़ करेंगी।
इस खबर के अतिरिक्त एक और खबर दिन भर दिल्ली से लखनऊ के बीच तैरती रही कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा हो चूका है और इस नए फ़ॉर्मूले के हिसाब से बसपा और सपा बराबर बराबर (37-37) सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के लिए 4 सीटें छोड़ी जायेंगी और 2 सीटें अमेठी और रायबरेली कांग्रेस के खाते में जायेगी।
अमेठी और रायबरेली राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी का संसदीय क्षेत्र है।
हालाँकि सपा और बसपा दोनों के नेता इन खबरों को नकार रहे हैं लेकिन अगर दो दिनों से इन खबरों का दिल्ली से लखनऊ तक चर्चा में रहना ये बताता है कि बिना आअग के धुआं तो नहीं निकल सकता।
हाल ही में तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में सारा विपक्ष उपस्थित था लेकिन मायावती, अखिलेश यादव और अजीत की अनुपस्थिति ये बताने के लिए काफी थी कि कुछ तो समीकरण बन रहे हैं।
हालाँकि बसपा नेता सतीश चन्द्र मिश्र कहते हैं कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी इन खबरों पर कहते हैं कि अभी तक उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर कोई बात्छेत शुरू नहीं हुई है। उन्होंने कहा “कांग्रेस, बसपा और सपा के साथ गठबंधन बनाने को लेकर इच्छुक है जिसमे सभी के लिए सम्मानजनक स्थान हो।”
बसपा सूत्रों के अनुसार मायावती के जन्मदिन के लिए ममता बनर्जी, अजीत सिंह, एचडी देवेगौड़ा और इन्डियन नेशनल लोक दल (हरियाणा) और समाजवादी पार्टी को निमंत्रण भेजा जाएगा। उस दिन मायावती लखनऊ में एक रैली को भी संबोधित कर सकती है।
अगर इन खबरों में सच्चाई है तो 2019 में उत्तर प्रदेश की जंग रोचक हो सकती है।