समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन के बाद अब उत्तर प्रदेश में एक और गठबंधन देखने के लिए मिल सकता है। वैसे कांग्रेस ने कहा था कि वे राज्य में सभी 80 लोक सभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी मगर साथ ही उसने बाकी पार्टी से भी मदद लेने के संकेत दिए थे। और अब शिवपाल यादव जिन्होंने पिछले साल सपा से निकल कर अपनी एक पार्टी बनाई थी, उन्होंने टिपण्णी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस चाहती है तो वे प्रस्ताव लेने के लिए तैयार हैं।
सपा-बसपा गठबंधन से रह जाने के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा-“मेरे अंदर सपा और बसपा के नेताओं के लिए काफी सम्मान है और मैं स्वीकार करता हूँ कि उन्हें अपनी मर्ज़ी से चीज़े करने का अधिकार है। ये हमारे ऊपर है कि हम उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को कैसे मजबूत बनाये और हम अपनी पूरी क्षमता से लड़ेंगे।”
गुलाम नबी आज़ाद ने रिपोर्टर्स से बात करते हुए कहा था कि वे उन पार्टी की मदद जरूर लेंगे जो भाजपा के खिलाफ लड़ रही है।
कभी उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे शिवपाल यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि उनकी पार्टी के बिना गठबंधन संभव नहीं था। यादव ने शनिवार को कहा, “यह गठबंधन पीएसपी-एल (उनकी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया) के बिना अधूरा है। केवल एक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा ही भाजपा को हरा सकता है।”
रविवार को अपने सुर बदलते हुए हुए उन्होंने कहा-“हमने चर्चा नहीं की है, लेकिन सभी धर्मनिरपेक्ष दलों जिसमे कांग्रेस भी है, अगर कांग्रेस हमसे संपर्क करती है, हमसे बात करती है, तो मैं पूरी तरह तैयार हूँ।”
कांग्रेस और शिवपाल यादव दोनों उम्मीद कर रहे थे कि वे गठबंधन का हिस्सा होंगे।