दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के मध्य बुधवार को एक सम्मेलन का आयोज किया, जिसमे रेल और सड़क लिंक को दोबारा जोड़ने के लिए परियोजना का उद्धघाटन किया गया, हालांकि प्रतिबंधों के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबन्ध अभी भी जारी है।
बीते अक्टूबर को देनों देशों ने रेलवे और सड़क को दोबारा कनेक्ट करने की योजना बनायीं थी, जो कोरियाई युद्ध 1950-53 तक बंद थे। इस विशेष ट्रेन से दक्षिण कोरिया के 100 अधिकारी, राजनेता और युद्ध के दौरान विस्थापित हुए परिवार सीमा पर स्थित शहर कैसोंग पंहुचे थे।
अमेरिका और यूएन का भी समर्थन
इस सम्मेलन में उन्हें उत्तर कोरिया के 100 प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे। साथ ही संयुक्त राष्ट्र, चीन, रूस और मंगोलिया के अधिकारी भी इस समारोह में शरीक हुए थे। इस सम्मेलन को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने अपना समर्थन दिया था। दक्षिण कोरिया के अधिकारिक बयान के मुताबिक इस परियोजना का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सकता है, क्योंकि प्रतिबंधों के कारण ऊर्जा और धातु और अन्य पदार्थों का उत्तर कोरिया में शिपमेंट पर पाबंदी है।
परिवहन मंत्री किम ह्यून मी ने कहा कि निर्माण कार्य से पूर्व हमें कई कार्य करने हैं। उन्होंने कहा कि दोनों तरफ से नियमित संयुक्त निरिक्षण होगा।
बीती रात को ट्रेन चालक ने कहा कि दक्षिण कोरिया की राजधानी सीओल से आगे बढ़ते ही एक हल्की घबराहट और ऊर्जा थी। मैं बस आगे बढ़ता गया। 10 साल बीत चुके हैं और मैं खुशनसीब होऊंगा अगर सेवानिवृत्त होने के बाद, मैं दोबारा यहाँ वापस लौटा।
दक्षिण और उत्तर कोरिया की बढ़ती नजदीकी
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने सितम्बर में पियोंग्यंग में उत्तर कोरिया के नेता किम्जोंग उन के साथ मुलाकात के दौरान इस सम्मेलन को मंज़ूरी दे दी थी। अमेरिका चिंतित है, कि कोरियाई देशों के मध्य बढ़ती नजदीकी से उत्तर कोरिया पर पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण का दबाव कम हो जायेगा।
किम और ट्रम्प की दूसरी मुलाकात
इसी वर्ष जून में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के मध्य ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था। इसके बाद दोनों देश एक-दूसरे को कोसते दिखाई दे रहे हैं, दोनों तरफ से परमाणु निरस्त्रीकरण की बातचीत ठप पड़ी है।
राज्य सचिव माइक पोम्पेओ ने कहा था कि अमेरिका और उत्तर कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर कार्य कर रहे हैं, जिसकी प्रतिबद्धता किम जोंग उन ने की थी। उन्होंने कहा था कि आगामी वर्ष की शुरुआत में किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प मुलाकात करेंगे और इस निरस्त्रीकरण की प्रगति पर चर्चा करेंगे।