उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन एकता के प्रदर्शन करने के लिए ‘हैवन लेक’ पहुंचे।
उत्तर और दक्षिण कोरिया के शिखर सम्मेलन के बाद वशिंगटन के साथ पियोंगयांग के रिश्ते को एक नई दिशा देने के लिए दोनों राष्ट्र के प्रमुख यहां पहुंचे।
उत्तर कोरिया के नेता ने बुधवार को अंतराष्ट्रीय विशेषज्ञों के सामने तोंगचेंग परिक्षण साइट को धवस्त करने के लिए रजामंदी दी थी। अमेरिका ने उत्तर कोरिया के इस निर्णय का स्वागत किया था।
उत्तर और दक्षिण कोरिया के इस वर्ष के तीसरे सम्मेलन के दौरान पियोंगयांग ने कहा था कि वह परमाणु हथियारों को नष्ट कर देगा।
सियोल में मून जे इन ने कहा था कि अमेरिका और उत्तर कोरिया को अपने संबंधों में जमी बर्फ को पिघालना चाहिए और उत्तर कोरिया को सुरक्षा मुहैया करनी चाहिए। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पेम्पियों ने बयान दिया था कि उत्तर कोरिया प्रतिबद्ध दिख रहा है।
उन्होंने अगले माह होने वाली संयुक्त राष्ट्र की बैठक से इतर समकक्षियों को मुलाकात के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा उत्तर कोरिया में साल 2021 तक परमाणु निरस्त्रीकरण का कार्य़ संपन्न हो जाएगा।
दूसरा शिखर सम्मेलन
किम जोंग को उम्मीद है कि जल्द ही उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति से होगी। तीन दिवसीय यात्रा पर सियोल गए मून जे इन ने कहा था कि वह किम की तरफ से मुलाकात के लिए डोनाल्ड ट्रंप को संदेश भेजेंगे।
इससे पूर्व जून 2018 को सिंगापुर में ट्रंप और किम का ऐतिहासिक मुलाकात हुई थी।
पियोंगयांग शिखर सम्मेलन में यह बताया गया कि जल्द ही उत्तर कोरिया के नेता सियोल का दौरा करेंगे।
कोरियाई युद्ध के बाद दोनों उत्तर कोरिया का किसी नेता ने पहली बार दक्षिण कोरिया की यात्रा की है। हालांकि अभी भी दोनों देश युद्ध के भंवर में फंसे हुए है।
वीरवार को दोनों नेताओं की पत्नियों ने माउंट पेकटू का दौरा किया था।
पियोंगयांग के मुताबिक नेता किम के पिता किम जोंग इल का जन्म इसी इलाके में हुआ था। जबकि इतिहासकारों का मानना है कि किम जोंग इल का जन्म सोवियत संघ में हुआ था और वह एक नक्सली थे।