जापानी प्रधानमंत्री ने उत्तर कोरिया से बातचीत पर कहा है कि जब तक उत्तर कोरिया परमाणु हथियार रहित नहीं हो जाता है, तब तक उससे किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं की जायेगी।
उत्तर कोरिया पर इस समय संयुक्त राष्ट्र ने कड़े प्रतिबन्ध लगा दिए हैं। इसके जरिये उत्तर कोरिया भेजा जाने वाला कोयला, लीड आदि पदार्थ पूरी तरह से बंद कर दिए जाएंगे। इसके आलावा उत्तर कोरिया के साथी देश माने जा रहे चीन और रूस ने भी उत्तरी कोरिया के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है।
शिंजो अबे ने कहा कि वह इस समय पुरे विश्व के साथ उत्तर कोरिया के खिलाफ खड़े रहेंगे। शिंजो के मुताबिक अंत में इस समस्या का हल बातचीत से ही निकलेगा।
संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंद पर शिंजो अबे ने कहा, ‘इन नए अंतराष्ट्रीय समुदाय ने जो भी फैसला किया है उससे उत्तर कोरिया पर दबाव बनेगा और वह अपनी रणनीति बदलने के लिए मजबूर हो जाएगा।’
उन्होंने कहा, ‘जापान संयुक्त राष्ट्र के साथ खड़ा है और वे मिलकर उत्तर कोरिया पर दबाव बनाएंगे जिससे वह परमाणु हथियार रहित देश बन सके।’
उत्तर कोरिया जाने की बात पर अबे ने कहा, ‘इन परिस्थितियों में वहां जाना व्यर्थ है। इस समय सभी देशों को एक जुट होकर इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए।’
इसके बाद शिंजो अबे ने जापान और चीन के रिश्तों पर कहा कि दोनों देश बेहतर रिश्तों के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जापान, दक्षिण कोरिया और चीन के बीच होने वाले एक सम्मलेन में दोनों देश करीब आएंगे उन्होंने कहा कि इस सम्मलेन को सफल बनाने के लिए जापान पूरी कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद मैं चीन का दौरान करूंगा जिससे हालत सुधरेंगे। इसके बाद संभवतः चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी जापान का दौरा कर सकते हैं।