चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर उत्तर कोरिया पंहुच गए हैं। इस यात्रा का मकसद दोनो देशों के बीच रणनीतिक संपर्क और विनिमय की मजबूती पर बातचीत की जाएगी।
बीते 14 वर्षों में यह ज़िनपींग की पहली उत्तर कोरिया की यात्रा है और दूसरी दफा वैश्विक नेता किंम जोंग उन के साथ मुलाकात कर रहे हैं। जापान में अगले सप्ताह जी 20 की बैठक का आयोजन है और इसमे शी जिनपिंग और डोनाल्ड ट्रम्प मुलाकात करेंगे।
पियोंगयांग में शी अपनी पत्नी और का8 महत्वपूर्ण सहयोगियों के साथ आये हैं। उनके साथ विदेश मंत्री वांग ई, आला कूटनीतिज्ञ यांग जिएची और आर्थिक सलाहकार ही लिफेंग हैं। किंम ने शी को मार्च 2018 में उत्तर कोरिया आने के लिए आमंत्रण दिया था।
योंसेई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन डेलूरी ने बताया कि उत्तर कोरिया के लिहाज से यह यात्रा अधिक महत्वपूर्ण है। मेरे ख्याल से चीनी संकेत देने की कोशिश करेंगे कि उन्होंने औपचारिक तौर पर उत्तर कोरिया के नेता किंम जोंग से मुलाकात की थी।
विश्लेषकों के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति की यात्रा डोनाल्ड ट्रंप और किंम जोंग उन के बीच बातचीत के सिलसिले को दोबारा शुरू करने में मददगारी साबित होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति और उत्तर कोरियाई नेता के बीच हनोई में दूसरी मुलाकात बगैत किसी समझौते के खत्म हो गयी थी।
शनल युनिवेर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मामलो के प्रोफेसर योंगवूक रयु ने कहा कि “अगर शी उत्तर कोरिया का इस्तेमाल ट्रम्प के साथ मोलभाव के लिए करेगा तो यह उनकी संजीदा गलती है क्योंकि अमेरिका के नेता के लिए रक्षा और व्यापार अलग है। अगर शी उत्तर कोरिया पर निरस्त्रीकरण के लिए दबाव बनता है तो शायद चीन को ट्रंप के साथ व्यापार समजाहुते करने रियायत मिल जाए।”