संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के कूटनीतिज्ञों ने कहा कि “यूएन की सुरक्षा परिषद् समिति उत्तर कोरिया (North Korea) के खिलाफ प्रतिबंधों पर निगरानी रख रही थी और ऐलान किया कि पियोंगयांग ने प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है लेकिन इसका चीन (China) और रूस (Russia) ने विरोध किया है।”
दो कूटनीतिज्ञों ने मंगलवार को कहा कि “रुसी और चीनियों ने आपत्ति की समयसीमा से पूर्व समिति को सूचित किया था। अमेरिका सही 25 अन्य देशों ने उत्तर कोरिया द्वारा यूएन के प्रतिबंधों का उल्लंघन करने की आलोचना की थी। पियोंगयांग ने वार्षिक तय सीमा 500000 बैरल से अधिक के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया था।
शिकायत में प्रतिबन्ध समिति से फैसला सुनाने को कहा गया है कि उत्तर कोरिया ने क्षमता से अधिक पेट्रोलियम उत्पादों का आयात कर उल्लंघन किया है और तत्काल ही डिलीवरी पर रोक लगाने की मांग की है।
अमेरिकी न्यायिक विभाग ने बीते माह कहा कि “उन्होंने उत्तर कोरिया के एक कार्गो जहाज को जब्त किया है और यह जहाज अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करते हुए कोयले के शिपमेंट को ले जा रहा था।” इससे पूर्व यह कार्गो जहाज अप्रैल 2018 में इंडोनेशिया में जब्त किया गया था।
बयान में उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने अपने खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्ताव को खारिज किया है। अमेरिका के मुताबिक जहाजों का परिबंधन उनकी सम्प्रभुता का उल्लंघन है।
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “अमेरिका हमें अत्यधिक दबाव के साथ बांधे रखें की कोशिश कर रहा है और यह गैरकानूनी कार्रवाई 12 जून को उत्तर कोरिया और अमेरिका के संयुक्त बयान की मूल भावना का उल्लंघन करता है।
अमेरिका के नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष 12 जून को सिंगापुर में पहला शिखर सम्मेलन किया था। इस दौरान उन्होंने नए सम्बन्धो की स्थापना करने और कोरियाई पेनिनसुला में शान्ति स्थापित करने का संकल्प लिया था।