अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उत्तर कोरिया परमाणु वार्ता मे रूस और चीन की मदद का स्वागत किया है। हालाँकि किम जोंग उन ने व्लादिमीर पुतिन से साथ पहली बैठक में अमेरिका बदनीयत बताया है। उन्होंने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा कि “मैं सराहना करता हूँ कि चीन और रूस हमारी मदद कर रहे हैं।”
रूस की उत्तर कोरिया से पहली मुलाकात
गुरूवार को किम और पुतिन के बीच पहली मुलाकात हुई थी और यह डोनाल्ड ट्रम्प और किम के बीच फरवरी में बगैर समझौते के रद्द हुए दूसरे शिखर सम्मेलन का नतीजा था। डोनाल्ड ट्रम्प ने संकेत दिए कि उत्तर कोरिया को परमाणु मुक्त करने वह चीन और रूस को अपना विरोधी नहीं समझते हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “चीन हमारी मदद कर रहा है क्योंकि मेरे ख्याल से वह करना चाहता है। वह देश के बगल में परमाणु हथियार नहीं चाहते हैं। मेरे मुताबिक हम उत्तर कोरिया के साथ काफी अच्छा कर रहे हैं और इसमें काफी प्रगति भी हुई है। मैं राष्ट्रपति पुतिन के कल के बयान की सराहना करता हूँ। वह भी इसे पूरा होते हुए देखना चाहते हैं। उत्तर कोरिया के साथ समझौते में वह काफी उत्साहित है।
कोरियाई सेंट्रल न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, किम ने पुतिन से कहा कि हनोई सम्मेलन में अमेरिका ने बदनीयत से एकतरफा व्यवहार अपना रखा था। कोरियाई पेनिनसुला में शान्ति और सुरक्षा पूरी तरह अमेरिका के भविष्य के व्यवहार पर निर्भर करता है।
सुरक्षा की गारंटी
परमाणु हथियारों के बदले सुरक्षा गारंटी की उत्तर कोरिया की मांग का रूस ने समर्थन किया है। रूस ने प्रतिबंधों में रिआयत देने की बार की है जबकि अमेरिका ने मॉस्को पर पियोंगयांग को मदद करने का आरोप लगाया है। गुरूवार को पुतिन ने कहा कि मॉस्को तनाव को कम करने और परमाणु संघर्ष से बचने के प्रयासों का समर्थन करता है।
क्यूँग्नाम यूनिवर्सिटी में उत्तर कोरिया प्रोफेसर के उन सिक ने कहा कि “पियोंयांग के उद्देश्य का रुसी राष्ट्रपति द्वारा समर्थन ही किम की यात्रा की सबसे बड़ी उपलब्धि है।” एक अन्य सम्मेलन के लिए पुतिन बीजिंग की यात्रा पर निकल चुके हैं। रुसी मीडिया के मुताबिक किम जोंग उन शहर के एक्वेरियम की यात्रा करेंगे और एक बैलेट भी देखेंगे लेकिन यह यात्रा रद्द हो गयी।
पुतिन और किम ने संयुक्त बयान में कहा कि “सोवियत संघ के युग की तरह मौजूदा संबंधों को भी उसी पटरी पर ले जायेंगे जैसे उनके दादा किम इल सुंग के थे।” उत्तर कोरिया की ताकतवर हस्ती ने व्लादिमीर पुतिन को देश की यात्रा के लिए आमंत्रित किया है और इस स्वीकार कर लिया गया है।
सीओल में यूनिवर्सिटी ऑफ़ नार्थ कोरियन स्टडीज प्रोफेसर ली वू यंग ने कहा कि “किम ने पुतिन से मुलाकात इसलिए की क्योंकि वह दिखाना चाहते थे कि उनकी तरफ भी कोई है। अमेरिका के साथ अगली बैठक में किम ऊपरी दर्जे की इच्छा रखते हैं इसलिए वह विदेशी नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं लेकिन अमेरिका इतनी आसानी से नहीं मानेगा। किम को संदेह है कि अमेरिका कोई चेतावनी या हैरतंअगेज़ ऐलान कर सकता है।