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उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया की सरकार ने आधिकारिक भोजन राशन वितरण में प्रतिदिन एक व्यक्ति पर 300 ग्राम की गिरावट की है क्योंकि देश में एक दशक से फसल के काफी बुरे हाल है। यूएन ने शुक्रवार को बताया कि एक करोड़ से अधिक उत्तर कोरिया के नागरिक भोजन की कमी से जूझ रहे हैं।

इसका कारण प्राकृतिक आपदा, देश पर अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबन्ध हैं। यूएन की खाद्य सुरक्षा आंकलन के मुताबिक, इन कारको से देश में भोजन की कमी 13.6 लाख मिलियन मीट्रिक टन हो गयी है। साल 2018-2019 में भोजन की फसल का उत्पादन सिर्फ 49 लाख टन था जो बीते 10 वर्षों में निम्नतम था।

यह आंकलन यूएन फ़ूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईजेशन और वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम के तहत 29 मार्च से 12 अप्रैल तक किया गया था। यूएन द्वारा जारी शुरूआती रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया में 42 फीसदी जनता खाद्य असुरक्षा से जूझ रही है। जिसमे प्रत्येक पांच में से एक भुखमरी से जूझ रही है।

राष्ट्र पर वैश्विक संस्था द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण मानवीय सहायता में भी कमी हो रही है। पियोंगयांग ने निरंतर प्रतिबंधो से आज़ादी की मांग की है और इसके बदले वह परमाणु निरस्त्रीकरण की तरफ कदम बढ़ाने को तैयार है। हालाँकि अमेरिका ने पूर्ण और निरीक्षित परमाणु निरस्त्रीकरण न होने तक प्रतिबंधों से निजात न देने की बात कही है।

हाल ही में दोनों देशो के मध्य हनोई में दूसरी मुलाकात का आयोजन हुआ था लेकिन यह आयोजन बगैर किसी समझौते के रद्द हो गया था क्योंकि दोनों पक्षों के बीच प्रतिबंधों को लेकर मतभेद था। अलबत्ता अमेरिका और उत्तर कोरिया ने तीसरी मुलाकात के लिए रज़ामंदी जाहिर की है।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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