संयुक्त राष्ट्र की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर कोरिया में 110 लाख लोग भुखमरी से जूझ रहे है जो जनसँख्या के 43 फीसदी है। यह लोग कुपोषित और खाद्य असुरक्षा से पीड़ित है। उत्तर कोरिया में यूएन मुख्यालय के प्रमुख तपन मिश्रा द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक ‘हर पांच में से एक बच्चा कुपोषण के कारण छोटे कद का है।’
घातक बिमारियों से जूझ रहे बच्चे
From today's briefing: @unocha today called for $120 million to urgently provide aid to 3.8 million people in the Democratic People's Republic of Korea. More than 40% of the population lack nutritious food, clean drinking water or access to basic services. pic.twitter.com/U02VxEwhYg
— UN Spokesperson (@UN_Spokesperson) March 6, 2019
सीमित स्वास्थ्य सुविधाएँ और साफ पानी तक कम पंहुच और अस्वछता के कारण अधिकतर बच्चो पर घातक बिमारियों का खतरा मंडरा रहा है। मिश्रा ने कहा कि “बीते वर्ष यूएन ने उत्तर कोरिया के 60 लाख लोगों के लिए 11.10 करोड़ डॉलर की मदद की अपील की थी, जिसमे सिर्फ 24 प्रतिशत फंड ही आया है। यह विश्व का सबसे निचले स्तर का रिकॉर्ड है।
यूएन के प्रवक्ता स्टेफेन दुजार्रिक ने बुधवार को कहा कि “उत्तर कोरिया में स्थित यूएन की टीम ने 12 करोड़ डॉलर की मदद की मांग की है, ताकि जल्द ही 38 लाख लोगों को राहत सामग्री पंहुचायी जा सके।” उन्होंने कहा कि “बीते माह उत्तर कोरिया की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय मानवीय समूह से खाद्य सुरक्षा की कमी को पूरा करने के लिए मदद की गुहार लगाई थी।”
खाद्य पदार्थों की कमी
उन्होंने कहा कि “उत्तर कोरिया की सरकार द्वारा मुहैया किये गए उत्पादन के आंकड़ों के मुताबिक वहां साल 2019 तक भोजन में 14 लाख मिलियन टन का अंतर हो सकता है। इन फसलों में चावल, गेंहू, आलू और सोयाबीन शामिल है।” तपन मिश्रा की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर कोरिया में कृषि योग्य भूमि की कमी के कारण के सालाना उत्पादन में कमी हुई है। उत्तर कोरिया के लोग एक पर्याप्त डाइट नहीं लेते हैं जिसकी वजह से उनमे निम्न पोषण होता है।”
रिपोर्ट के अनुसार पांच वर्ष तक के तीन फीसदी बच्चे अल्पपोषित है और मृत्यु दर के बढ़ने की संभावनाएं अधिक है। हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन ने हनोई में मुलाकात की थी।
यूएन सुरक्षा परिषद् ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों और न्यूक्लियर कार्यक्रमों के कारण प्रतिबन्ध लगाए थे। उत्तर कोरिया के बैंकिंग चैनलों को सितम्बर 2017 में बंद कर दिया गया था और इसका प्रतिस्थापन असफल साबित हुआ था।
भोजन में कमी
हाल ही में उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी कि साल 2019 में देश 14 करोड़ टन भोजन की कमी की मार झेल सकता है। उन्होंने इसके लिए उच्च तापमान, सूखे, बाढ़ और यूएन के प्रतिबंधों को ठहराया है। रायटर्स के मुताबिक उत्तर कोरिया का बीते वर्ष उत्पादन 4.951 मिलियन टन था, जो 2017 के मुकाबले 503000 काम था। उत्तर कोरिया ने कहा कि वह 200000 टन खाद्य सामग्री का निर्यात करते है और 400000 टन का उत्पादन करते हैं। जनवरी से प्रतिव्यक्ति के राशन में 300 ग्राम कम कर दिया गया है।
यूनाइटेड नेशन के आंकड़ों के अनुसार 103 लाख लोगों में से करीब आधी जनसँख्या को जरुरत है और 41 फीसदी उत्तर कोरियाई कुपोषित है। सुरक्षा परिषद् के प्रतिबंधों में मानवीय गतिविधियों को नहीं शामिल किया जाता है। प्राकृतिक आपदा से सँभालने के लिए रूस ने मानवीय लिहाज से उत्तर कोरिया में 50000 टन गेंहू का भेजा था। रूस ने वैश्विक खाद्य कार्यक्रम के तहत 80 लाख डॉलर की मदद करने की प्रतिबद्धता दिखाई थी।