अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने शुक्रवार को कहा कि “किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात के बाद उत्तर कोरिया में अधिकारी को फांसी देने की रिपोर्ट्स को अमेरिका देख रहा है।” इस वर्ष फरवरी में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुलाकात हुई थी लेकिन वह किसी समझौते पर नहीं पंहुच पाए थे।
सीएनएन के मुताबिक उन्होंने कहा कि “हमने रिपोर्ट्स को देखा था, हम इसकी जांच में अपने बेहतर दे रहे हैं। और आज मेरे समक्ष इसकी अतिरिक्त कुछ बोलने के लिए नहीं है।” उत्तर कोरिया से सम्बंधित मसले की रिपोर्ट दक्षिण कोरिया के एक अखबार में प्रकाशित हुई थी।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में उत्तर कोरिया के विशेष राजदूत किम होक चोल को मार्च में अमेरिका से वफादारी और सुप्रीम नेता से गद्दारी के आरोप में फांसी दे दी गयी थी शिखर सम्मेलन में उत्तर कोरिया में अमेरिकी राजदूत के साथ हॉंक चोल ने बातचीत की थी।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सांडर्स ने कहा कि “अमेरिका हालातो पर निगाह बनाये हुए हैं। मैं ख़ुफ़िया रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं देना चाहती हूँ। मैं कहना चाहती हूँ कि हम हालातो पर निगाह बनाये हुए हैं और अपने लक्ष्य यानी परमाणु निरस्त्रीकरण को हासिल करने पर हमारा फोकस है।”
एशिया सोसाइटी पालिसी इंस्टिट्यूट के लिंडसे फोर्ड ने कहा कि “उत्तर कोरिया के इतिहास में ऐसे कई वाक्यात देखने को मिलते हैं कि जब अधिकारीयों के सोच के मुताबिक योजना नहीं मुकम्मल नहीं होती या सरकार के भीतर नेताओं या आला अधिकारियो के अनबन होती है तो क्या हश्र होता है।”
उन्होंने कहा कि “डोनाल्ड ट्रम्प इस बारे में बात करनी चाहिए कि वह और किम जोंग उन एक ही जैसे कैसे हैं। क्योंकि अमेरिका विकसित है और किम एक तानाशाह है। उसने अपने करीबी लोगो को फांसी दी है जिसमे उसके अंकल और भाई भी है और वह ऐसा दोबारा करने से नहीं डरेगा।”
हनोई सम्मेलन में किम जोंग उन के दुभाषिये शिन हए योंग से भी राजनीतिक कैद शिविरों में भेज दिया गया था और इसका कारण महत्वपूर्ण दुभाषिया गलतिया थी। किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग को भी पद से निष्कासित कर दिया गया था।
अखबार के मुताबिक, यह गद्दार और दलबदलू है जो सिर्फ नेता के प्रति वफादारी के शब्दों को बड़बड़ाते हैं और समय के परिवर्तन के साथ यह लोग अपना असली चेहरा दिखाते हैं।” दिसंबर 2013 में किम जोंग उन के अंकल जांग सांग थाएक को फांसी दी गयी थी। उन्होंने पार्ट विरोधी, क्रांति विरोधी और कठोर निर्णय के खिलाफ प्रतिक्रिया दी थी। आधिकारिक तौर पर दक्षिण कोरिया के मंत्रालय ने बयान देने से इंकार कर दिया है।