उत्तर कोरिया में मौजूदा भोजन की कमी को पूरा करने के लिए पड़ोसी मुल्क दक्षिण कोरिया सहायता मुहैया करेगा। दक्षिण कोरिया ने यूनिफिकेशन मिनिस्टर किम यों चूल ने कहा कि “पड़ोसी मुल्क को भोजन सहायता पूर्वनियोजित तरीके से मुहैया किया जायेगा।”
दक्षिण को उत्तर को मदद
उन्होंने कहा कि “उत्तर कोरिया में भोजन के हालात काफी खराब है। सरकारी स्तर पर हम उन्हें भोजन मुहैया करने के इच्छुक है। उन्होंने दोहराया कि सरकार राजनीतिक हालातो के बावजूद उत्तर कोरिया की मानवीय सहायता में विस्तार करेगी।”
हाल ही में अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु निरस्त्रीकारा वार्ता ठप पड़ गयी थी। वियतमान में दूसरे शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्षों के बीच प्रतिबंधों से निजात की बातचीत को लेकर मतभेद उपज गए थे। बीते महीने इसी निराशा में उत्तर कोरिया ने कई मिसाइलो का परिक्षण किया था।
उत्तर कोरिया के इस कदम का दक्षिण कोरिया और अमेरिका दोनों ने काफी विरोध किया था। बीते महीने दक्षिण कोरिया ने मानवीय सहायता के तौर पर उत्तर कोरिया के कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए आठ अरब डॉलर मुहैया करने ऐलान किया था।
खस्ताहाल भोजन व्यवस्था
उत्तर कोरिया मौजूदा वक्त में संकट की स्थिति से गुजर रहा है क्योंकि दशकों में इस वर्ष सबसे खराब पैदावार हुई है। देश के खिलाफ प्रतिबंधों ने हालातो को अत्यधिक खराब कर दिया है। करीब एक करोड़ लोग भोजन की कमी से जूझ रहे हैं। इसलिए पियांग्यांग पहले प्रतिबंधों से आज़ादी की मांग पर अड़ा है।
अमेरिका ने दोहराया है कि जब तक पियांग्यांग पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण नहीं करता प्रतिबंधों से निजात नहीं दी जाएगी।मून की सरकार की तरफ से पहली मानवीय सहायता को उत्तर कोरिया ने ख़ारिज कर दिया है, कहा कि यह अंतर कोरियाई संबंधों के लिए गैर जरुरी है।
उन्होंने कहा कि “अगर दक्षिण निष्ठां से सतत विकास, शांति और समृद्धता की कामना करता है। तो उन्हें मानवीय सहायता के मामलो को उछालने की बजाये बीते वर्ष मंज़ूरी दिए गए इंटर कोरियाई इकोनॉमिक जॉइंट प्रोजेक्ट को अमल में लाना चाहिए।”