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    उत्तर कोरिया किम जोंग उन

    उत्तर कोरिया नें आज घोषणा की है कि वह आगे कोई भी परमाणु परिक्षण या मिसाइल लांच नहीं करेगा। उत्तर कोरिया की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच जल्द ही शांति वार्ता होनें जा रही है।

    जाहिर है पिछले करीबन एक साल से उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच जबरदस्त जुबानी घमासान जारी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन कई बार एक दुसरे को जंग की धमकी दे चुके हैं।

    अब हालाँकि उत्तर कोरिया नें कहा है कि वह इस मामले में शान्ति चाहता है। उत्तर कोरिया की ओर से हाल ही में कहा गया है कि किम जोंग उन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मिलना चाहता है। हालाँकि उत्तर कोरिया नें अभी तक यह साफ़ नहीं किया है कि वह पहले से मौजूद परमाणु हथियारों का क्या करेगा?

    आपको बता दें कि किम जोंग उन नें हाल ही में चीन का दौरा किया था और चीनी राष्ट्रपति से मिलकर अपनी मंशा जाहिर की थी। किम नें शी जिनपिंग से मुलाकात के दौरान यह कहा था कि वह कोरियाई महाद्वीप को परमाणु हथियार रहित करने के लिए तैयार है।

    दरअसल किम जोंग उन के करीबी अधिकारीयों का कहना है कि उत्तर कोरिया अब अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश करेगा और अपने नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए उसने यह फैसला लिया है।

    इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प नें ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और कहा कि उत्तर कोरिया का यह फैसला मानवता के हित में है।

    यह खबर है कि इस साल के जुलाई महीनें तक किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच मुलाकात हो सकती है।

    क्या कहा उत्तर कोरिया नें?

    उत्तर कोरिया के एक मीडिया चैनल इस इसकी जानकारी देते हुए कहा कि किम जोंग उन का कहना है कि उत्तर कोरिया अब आगे कोई भी परमाणु परिक्षण नहीं करेगा।

    किम की ओर से कहा गया कि उत्तर कोरिया नें अपने परमाणु हथियारों का जखीरा पूरी तरह से तैयार कर लिया है और अब उसे और परमाणु हथियार बनाने की जरूरत नहीं है।

    इसके अलावा उत्तर कोरिया नें यह भी कहा कि वह जिस जगह पर परमाणु हथियारों का परिक्षण करता था, उसे भी खाली करने जा रहा है। आपको बता दें कि इसी जगह उत्तर कोरिया नें पिछले साल हाइड्रोजन बम का परिक्षण किया था।

    उत्तर कोरिया के मुताबिक ऐसा करने से आने वाले समय में किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन के बीच मुलाकात में सहजता आएगी। दोनों देशों के मुखिया अगले शुक्रवार को मुलाकात करेंगे। इसके बाद जून या जुलाई में किम जोंग और डोनाल्ड ट्रम्प मिलेंगे।

    डोनाल्ड ट्रम्प की प्रतिक्रिया

    डोनाल्ड ट्रम्प ने तुरंत ही इस बात पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह उत्तर कोरिया और पुरे विश्व के लिए बहुत अच्छी खबर है।’ ट्रम्प नें यह भी कहा कि वह किम जोंग उन से होनें वाली मुलाकात की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

    https://twitter.com/realDonaldTrump/status/987532088302886913

    दक्षिण कोरिया की ओर से भी इसपर प्रतिक्रिया आई। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के ऑफिस से कहा गया कि इससे आने वाले समय में कोरिया को परमाणु हथियार रहित किया जा सकेगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इससे प्योंग्यांग, सीओल और वाशिंगटन के बीच अच्छे सम्बन्ध स्थापित होंगें।

    जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे नें भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी।

    आबे नें कहा, “यहाँ जरूरी बात यह है कि किस प्रकार यह फैसला आने वाले समय में परमाणु हथियार के खतरे को खत्म करता है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे इसपर कड़ी नजर रखेंगे।

    भविष्य?

    कई विशेषज्ञों का मानना है कि किम जोंग उन इस फैसले से विश्व में अपने देश की छवि को सुधारना चाहता है। उनका मानना है कि किम जोंग परमाणु हथियारों का समर्पण नहीं करेगा और उन्हें अपने पास ही रखेगा।

    कई लोगों का यह भी मानना है कि किम जोंग नें यह फैसला सिर्फ इसलिए लिया है ताकि उत्तर कोरिया पर लगे अंतराष्ट्रीय प्रतिबन्ध से उसे राहत मिल सके।

    किम जोंग उन शी जिनपिंग

    किंग जोंग नें हाल ही में अपनी पार्टी की एक मीटिंग की थी। इसमें उन नें कहा था कि यह बेहद सफल बात है कि किस तरह सिर्फ पांच सालों में उत्तर कोरिया नें अपने आप को एक ताकतवर परमाणु देश बना लिया है।

    उसनें कहा कि उत्तर कोरिया को अब और हथियार बनाने की जरूरत नहीं है और कुछ समय के लिए वह अन्य चीजों पर ध्यान देना चाहते हैं।

    अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश

    आपको बता दें कि भले ही उत्तर कोरिया नें कई परमाणु हथियार बना लिए हैं, लेकिन उनकी अर्थव्यवस्था बहुत ही कमजोर हो चुकी है।

    गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले सबसे ज्यादा लोगों में उत्तर कोरिया का नाम भी शामिल है। पिछले एक दशक में उत्तर कोरिया दक्षिण कोरिया के मुकाबले लगातार नीचे गिरता जा रहा है।

    आपको बता दें कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया ने एक साथ स्वतंत्रता हासिल की थी। इसके बाद दक्षिण कोरिया आज सबसे विकसित देशों में शुमार है, वहीँ उत्तर कोरिया सबसे पिछड़े देशों में शामिल है।

    इसके अलावा उत्तर कोरिया पर कई प्रकार के प्रतिबन्ध लगे हुए हैं, जिससे उन्हें कई प्रकार के साधन नहीं मिल रहे हैं।

    इन्हीं कारणों से अब उत्तर कोरिया का प्रशासन देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की कोशिश में लगा हुआ है।

    डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन

    पिछले महीनें किम जोंग इन नें चीन का दौरा किया था। इस दौरान यह खबर थी कि दोनों देश के मुखिया नें कई आर्थिक मुद्दों पर बात की। यह भी कहा जा रहा है कि चीन उत्तर कोरिया को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए साथ देने की बात कह रहा है।

    चीन के अलावा रूस भी उत्तर कोरिया का साथ देने की बात कह चुका है।

    ऐसे में यदि उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच मुलाकात सफल होती है, तो आने वाले समय में यह उत्तर कोरिया ने नागरिकों के लिए भी अच्छी बात होगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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