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दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया की पनमुंजोम में पहली सालगिरह के अवसर पर उत्तर कोरिया ने शनिवार को अपील की कि वह कोरियाई संबंधों को मज़बूत करना चाहता है जबकि अमेरिका के दबाव को नज़रअंदाज़ किया गया है। यह बयान शांतिपूर्ण एकीकरण कमिटी यानी सीपीआरसी की तरफ से जारी विशेष सन्देश का भाग है। यह उत्तर कोरिया का एक संगठन है जो एकीकरण का प्रचार करता है।

संगठन ने बताया कि “वांशिगटन दक्षिण कोरिया पर दबाव बना रहा है और मांग करता है कि कोरियाई सम्बन्ध, उत्तर कोरिया के साथ अमेरिकी संबंधों से आगे नहीं बढ़ना चाहिए। वांशिगटन कोरियाई संबंधों को अपने प्रतिबंधों की नीति के अधीन करने का प्रयास कर रहा है।”

उन्होंने कहा कि “सुरक्षा के संजीदा हालात बना दिए गए हैं और अब पहले की स्थिति में वापसी हो सकती है जहां तबाही मंडरा रही थी और जंग का खतरा बढ़ रहा है। कोरियाई संबंधों के सतत विकास को महसूस करने और शांतिपूर्ण एकीकरण के लिए सीआरपीसी ने सीओल से सक्रीय गतिविधियों का विस्तार करने की अपील की है।”

उत्तर कोरिया की संस्था ने “दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच हुई मुलाकात के दौरान हुए समझौतों को लागू करने का आग्रह भी सीओल से किया है।”

अमेरिका और उत्तर कोरिया के संबंधों में तनाव जारी है और परमाणु निरस्त्रीकरण प्रक्रिया अभी भी ठप पड़ी है। बीते वर्ष जून में सिंगापुर में आयोजित पहले शिखर सम्मेलन में किम जोंग उन ने पूर्णपरमाणु निरस्त्रीकरण का वादा किया था। हनोई में आयोजित परमाणु वार्ता बगैर किसी समझौते के रद्द हो गयी थी। सम्मेलन के बाद कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया गया था।

ख़बरों के मुताबिक दोनों पक्षों के बीच प्रतिबंधों से रिआयत और परमाणु निरस्त्रीकरण के बाबत मतभेदों के कारण यह वार्ता असफल हो गयी थी। इस बाद दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अमेरिका की यात्रा की थी।

By कविता

कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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