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    उत्तर कोरिया

    उत्तर कोरिया की अर्थव्यस्था में साल 2018 में लगातार दूसरी बार कमी आई है। रायटर्स के मुताबिक, अर्थव्यवस्था में सिकुडन का कारण परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का लागू होना और देश में सूखे का प्रकोप है। बीते वर्ष उत्तर कोरिया का सकल घरेलू उत्पाद 4.1 प्रतिशत था और यह साल 1997 से सबसे खराब और लगातार दूसरे साल जीडीपी में गिरावट थी।

    उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था की बदहाली

    उत्तर कोरिया अपनी अर्थव्यवस्था के आंकड़ो को सार्वजानिक नहीं करता है। दक्षिण कोरिया के केन्द्रीय बैंक साल 1991 से यह अनुमानित आंकड़ा पेश करते हैं और इसका आधार विभिन्न स्त्रोत होते हैं। कोरिया के नेशनल एकाउंट्स कोआर्डिनेशन टीम के प्रमुख युंग ह्वान ने कहा कि “प्रतिबंधों को लागू और मजबूर साल 2017 में किया गया था और कृषि क्षेत्र में सूखे का बुरा प्रभाव पड़ा था। इस आपदा ने देश की अर्थव्यवस्था के 20 फीसदी हिसे को अपाहिज कर दिया था।”

    साल 2018 में उत्तर कोरिया के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 48.4 फीसदी की गिरावट आई थी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण निर्यात में 90 फीसदी की कमी आई थी। खनन क्षेत्र के आउटपुट में 17.8 फीसदी की गिरावट आई है और इसका कारण कोयले और खनिज के निर्यात पर प्रतिबन्ध था। जबकि कृषि, वन और मछली  पालन क्षेत्र में सूखे के कारण 1.8 प्रतिशत था।

    उत्तर कोरिया की जनता करीब 251.3 लाख है और प्रतिव्यक्ति सालाना आया 1298 डॉलर है। प्रभावहीनता और अलग थलग पड़े रहने के कारण अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है। उत्तर कोरिया की अर्थव्यस्था के जानकार कत्ज़ेफ्फ़ सिल्बेर्स्तैन ने बताया कि “कोयले और खनिज के घेरलू इस्तेमाल में वृद्धि हुई है। यह एक अहम निर्यात उत्पाद है और अब सामान्य वर्षों के मुकाबले यह विदेशों में बेहद कम बेचा जा रहा है।”

    पैदावार में कमी

    अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने कहा कि “उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर मज़बूत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबन्ध किम जोंग उन को अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता को बढाने का निर्णय लेने के लिए मजबूर करेंगे। जून से किम और डोनाल्ड ट्रम्प ने तीन दफा मुलाकात की थी।

    रेड क्रोस के अंतरराष्ट्रीय संघठन और रेड क्रेसेंट सोसाइटीज ने बीते हफ्ते कहा था कि “उत्तर कोरिया में कुपोषण और बिमारियों के दर में वृद्धि हुई है।” यूएन के विश्व खाद्य कार्यक्रम के अधिकारी जेम्स बेल्ग्रावे ने कहा कि “उत्तर कोरिया में सूखे के कारण गेंहू और अन्य पैदावार में 20 फीसदी की कमी हुई है।” साल 1990 से उत्तर कोरिया के राष्ट्र में 10 लाख लोगो की भुखमरी से मौत हो गयी है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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