अमेरिका के उत्तर कोरिया के विशेष राजदूत ने शुक्रवार को बताया कि “वांशिगटन उत्तर कोरिया के साथ रचनात्मक बातचीत के लिए तैयार है।” दोनों देश बीते वर्ष सिंगापुर में आयोजित पहले शिखर सम्मेलन में परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते पर पहुंचे थे। रायटर्स ने दक्षिण कोरिया के विदेश विभाग के हवाले से यह रिपोर्ट साझा की थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टेफेन बिगुन ने अपने दक्षिण कोरिया के समकक्षी ली डो हून से कहा कि वांशिगटन बीते वर्ष सिंगापुर में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उनके बीच सम्मेलन में एक समानान्तर प्रगति पर समझौते पर पंहुचे थे। दोनों पक्ष परमाणु निरस्त्रीकरण की तरफ कार्य करने और नए सबंधों की स्थापना करने के लिए सहमत है।”
फरवरी में वियतनाम में आयोजित दूसरे शिखर सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया ठप पड़ी हुई है। दोनों पक्ष प्रतिबंधों से रियायत के मामले पर सहमत नहीं हो पाए थे। उत्तर चाहता कि अमेरिका परमाणु नितास्त्रीकरण के लिए सभी प्रतिबंधों को हटा दे लेकिन अमेरिका इस पर असहमत था।
ट्रम्प जी-20 के सम्मेलन के बाद दक्षिण कोरिया की यात्रा पर जायेंगे और वहां वह दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात करेंगे और वहां उत्तर कोरिया के साथ ठप पड़ी वार्ता को दोबारा बहाल करने के बाबत चर्चा करेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच सौहार्दपूर्ण खतों के आदान-प्रदान पर ली सकारात्मक विचार पेश किये है।
अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने पत्रों के आदान-प्रदान के बाद बातचीत के दोबारा शुरू की आस को जगाया है। उत्तर कोरिया ने गुरूवार को प्योंगयांग और वांशिगटन के बीच बातचीत में दक्षिण को मध्यस्थता न करने की चेतावनी दी है।
उत्तर कोरिया की स्टेट न्यूज़ एजेंसी के बयान के मुताबिक, उन्होंने कहा कि “अमेरिका और उत्तर कोरिया प्रत्यक्ष पक्ष थे। दक्षिण कोरियाई सरकार की मध्यस्थता करने से वाकई कोई दिक्कत नहीं है। अगर उत्तर कोरिया वांशिगटन से समपर्क करना है तो वह मौजूदा संपर्क चैनलो का इस्तेमाल करेगा, दक्षिण कोरिया की सरकार के जरिये यह कभी नहीं होगा।”