अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरूवार को कहा कि “वह उत्तर कोरिया पर प्रतिबन्ध बनाये रखना चाहते हैं जब तक किम जोंग उन परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता वापस पटरी पर नहीं आ जाती है।” दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन से मुलाकात के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “हम प्रतिबंधों को लागू रहने देना चाहते हैं और इसका हर्जाना निष्पक्ष तरीके से होगा।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने शुरुआत में जारी किये बयान से यह उलट है। शुरुआत में ट्रम्प ने कहा था कि वह उत्तर कोरिया से अतिरिक्त बड़े स्तर के प्रतिबंधों को हटा दिए हैं। दो चीनी कंपनियों ने प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया के साथ सौदेबाज़ी जारी राखी थी।
अमेरिका ने दोनों चीनी कंपनियों पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे। डोनाल्ड ट्रंम्प उत्तर कोरिया पर परमाणु हथियार त्यागने के लिए दबाव बना रहे हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “उनके समक्ष अतिरिक्त प्रतिबन्ध लगाने का विकल्प भी मौजूद है। लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि किम जोंग उन के साथ काफी करीबी सम्बन्ध है। जैसा आप जानते हैं कि कुछ हफ़्तों पूर्व मैंने प्रतिबन्ध हटा दिए थे। मुझे वाले यकीन है कि बेहत सार्थक उन्नति हो रही है।”
तीसरे शिखर सम्मेलन के बाबत डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि “यह संभव है।” अफवाहों के मुताबिक, अमेरिका और उत्तर कोरिया की तीसरी बैठक में मून जे इन शामिल हो सकते हैं। परमाणु निरस्त्रीकरण की वार्ता वापस पटरी पर लाने और छह दशक कोरियाई जंग को खत्म करना चाहते हैं।
साल 1950-53 में कोरियाई जंग के बाद युद्ध के खत्म होने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी थी। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बुधवार को डोनाल्ड ट्रम्प के साथ दुसरे शिखर सम्मेलन के बाबत बातचीत करने के लिए वांशिगटन गए थे। यह मुलाकात बगैर किसी समझौते के खत्म हो गयी थी, फरवरी की मुलाकात के बाद पहली बार दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात करने गए हैं।
डॉनल्ड ट्रम्प ने भविष्य में उत्तर कोरिया के साथ बातचीत के लिए मून जे इन की मदद मांगी है। बीते वर्ष मून जे इन ने उत्तर कोरिया के नेता के साथ तीन बार मुलाकात की थी। वांशिगटन के मुताबिक, जब तक उत्तर कोरिया पूर्ण और निरीक्षित परमाणु निरस्त्रीकरण नहीं करता, तब तक प्रतिबंधों से आज़ादी नहीं दी जाएगी। जबकि पियोंगयांग पहले प्रतिबंधों से निजात देने की मांग कर रहा है।