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    अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

    अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने रविवार को उत्तर कोरिया पर निशाना साधते हुए कहा कि “अफसोसजनक, वह अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण समझौते को नहीं करना चाहते हैं। उत्तर कोरिया इसे करने के इच्छुक नहीं है जो उसे करना चाहिए। बीती रात उन्होंने गैर जरुरी बयान जारी किया कि वह परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल का परिक्षण करेंगे। जो उनकी बेहतरी के लिए अच्छा विचार नहीं है।”

    बोल्टन का बयान

    दा हिल के मुताबिक उन्होंने कहा कि “राष्ट्रपति इस खतरे को बातचीत के जरिये सुलझाना चाहते हैं। वह उत्तर कोरिया को परमाणु हथियारों से मुक्त देखता चाहते हैं।” उन्होंने उत्तर कोरिया के साथ वार्ता के आयोजन में चीन की भूमिका की बात कही थी। उत्तर कोरिया के प्रमुख साझेदार चीन भी परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप की इच्छा रखता है।

    जॉन बोल्टन ने कहा कि “चीन ने निरंतर कहा है कि वह परमाणु हथियारों से संपन्न उत्तर उत्तर कोरिया नहीं देखना चाहता हैं क्योंकि उन्हें लगता है यह उत्तर पूर्व एशिया को अस्थिर कर देगा। इसमें चीन की स्थिति भी हमारी तरह है। वह उत्तर कोरिया पर अधिक दबाव डालकर वार्ता के लिए राज़ी कर सकते हैं। उनका नियंत्रण उत्तर कोरिया के 90 प्रतिशत बाहरी व्यापार पर है, इसलिए चीन का यहां बेहद महत्वपूर्ण किरदार है।”

    चीन की भूमिका अहम

    उन्होंने कहा कि “चीन अपनी परमाणु क्षमता में विस्तार कर रहा है। इसलिए हम अमेरिका में नेशनल मिसाइल डिफेन्स सिस्टम को मज़बूत करना चाहते हैं। यही कारण है कि क्यों हम हथियार नियंत्रण पर वार्ता करना चाहते हैं। मसलन रूसियों के साथ चीन को चर्चा में शामिल करना बेहतर रहेगा।”

    उत्तर कोरिया की वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि “अमेरिका के साथ बातचीत को रद्द करने पर विचार कर रहा है और वांशिगटन द्वारा रियायत ने देने पर मिसाइल व परमाणु परिक्षण पर प्रतिबन्ध के बाबत दोबारा सोच सकते हैं।”

    उत्तर कोरिया का बयान

    उत्तर कोरिया के उप विदेश मंत्री चोए सोन हुई ने बीते माह हनोई में सम्मेलन को बर्बाद करने का आरोप अमेरिका के अधिकारियों पर लगाया है। वियतनाम में किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य दूसरा शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ था।

    तास न्यूज़ के मुताबिक उप विदेश मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि “हनोई सम्मेलन में अमेरिकी मांगों को पूरा करने का हमारा कोई इरादा नहीं है और न ही हम इस तरह की बातचीत में शरीक होने के इच्छुक है। अमेरिकी राज्य सचिव माइक पोम्पिओ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने माहौल को शत्रुतापूर्ण और अविश्वासी बना दिया था। इसलिए उत्तर कोरिया के नेता और अमेरिका के बीच बातचीत करने का रचनात्मक प्रयास बाधित हो गया था।”

    उन्होंने कहा कि “किम जोंग उन जल्द ही परमाणु निरस्त्रीकरण बातचीत पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर देंगे। वांशिगटन ने इस सम्मेलन में एक सुनहरे अवसर को गँवा दिया है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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