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    जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे

    जापान ने सोमवार को अपने पक्ष को सरल करते हुए उत्तर कोरिया के साथ सम्मेलन की इच्छा व्यक्त की है। बीते हफ्ते पियोंगयांग ने हथियारों का परिक्षण किया था। अमेरिका और उत्तर कोरिया की हनोई मुलाकात के बाद बातचीत का स्तर ठप पड़ा हुआ है।

    मुलाकात की मंशा बरक़रार

    जापान के प्रमुख कैबिनेट सेक्रेट्री योशिहिदे सुगा ने कहा कि “इस मामले पर सरकार का पक्ष नहीं बदलेगा। पियोंगयांग द्वारा बीते हफ्ते हथियारों के परिक्षण के बावजूद हमारी उनके साथ शिखर सम्मेलन की इच्छा बरक़रार है।” इस माह की शुरुआत में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने उत्तर कोरिया के नेता के साथ गैर शर्त मुलाकात की मांग की थी ताकि संयुक्त अविश्वास को तोड़ा जा सके।”

    बीते हफ्ते उत्तर कोरिया ने दो प्रक्षेप्य का परीक्षण किया था। जापानी पीएम ने कहा कि “मैं चेयरमैन किम जोंग उन के साथ बगैर किसी शर्त के मुलाकात करना चाहता हूँ और मैं खुले दिमाग से उनके साथ स्पष्ट बातचीत चाहता हूँ।” उत्तर कोरिया के विभागों ने जापानी प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

    जापान और उत्तर कोरिया के बीच वार-प्रतिकार

    जनवरी में शिंजो आबे ने बताया था कि वह किम जोंग उन से मुलाकात की योजना बना रहे हैं। साल 2017 तक उत्तर पर जापान निरंतर उनके मुल्क पर निशाना साधते हुए मिसाइल दागने का आरोप लगाता था। उत्तर कोरिया का मीडिया निरंतर और क्रूरतापूर्वक जापान पर हमला करता रहता था।

    पियोंगयांग का मीडिया जापान को ‘मानवता के खिलाफ घृणित अपराधी और अनैतिक व बेशर्म देश’ कहता था। जापानी सरकार के प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि उत्तर कोरिया के हालिया मिसाइल परिक्षण ने अंतर्राष्ट्रीय प्रस्ताव का उल्लंघन किया है।

    प्रेस ब्रीफ़ींग के दौरान प्रमुख कैबिनेट सेक्रेटरी कोटरो नोगामी ने कहा कि “वे बैलिस्टिक मिसाइल ही थी और यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का उल्लंघन है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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