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    जापान उत्तर कोरिया संकट

    उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों व मिसाइल कार्यक्रमों के परीक्षणों से पूरी दुनिया में दहशत फैली हुई है। इसी के मद्देनजर अब जापान ने अपने रक्षा बजट में अधिक बढ़ोतरी करने की योजना बनाई है। जापान ने उत्तर कोरिया संकट के खिलाफ खुद को सुरक्षित रखने के लिए 46 अरब डॉलर के रक्षा बजट की योजना बनाई थी जिसे सरकार ने मंजूरी दे दी है।

    एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान सरकार अगले साल अप्रैल 2018 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में 46 अरब डॉलर का रक्षा बजट बनाएगा। ऐसा उत्तर कोरिया से संभावित युद्ध को देखते हुए किया जा सकता है।

    इस राशि का उपयोग जापान सरकार उत्तर कोरिया के खिलाफ अपनी मिसाइल प्रणालियों व सुरक्षा नीति को मजबूत करने के लिए कर सकती है। चालू वित्त वर्ष में 5.12 ट्रिलियन येन का रक्षा बजट है। रक्षा बजट में लॉन्ग रेंज इंटरसेप्टर खरीदने का भी प्रस्ताव है। यह बैलेस्टिक मिसाइल को हवा में भी ध्वस्त करने वाला सिस्टम है।

    जापान के कई अखबारों व मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि उत्तर कोरिया खतरे का सबसे ज्यादा डर अमेरिका व जापान को है। एक तरफ जहां पर उत्तर कोरिया अपने परमाणु हथियारों व मिसाइल प्रणालियों का विकास कर रहा है वहीं जापान भी अपनी सुरक्षा में वृद्धि के प्रयास कर रहा है।

    अमेरिकी मिसाइलों को खरीदेगा जापान

    गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही उत्तर कोरिया की तरफ से दागी गई मिसाइल जापान के ऊपर से होकर समुद्र में गिर गई थी। ऐसे मे जापान को उत्तर कोरिया संकट के खिलाफ अपनी सैन्य व सुरक्षा स्थिति को पुख्ता करने की आवश्यकता है।

    एक अखबार का कहना है कि अमेरिकी सेना की एजिस अशोर भूमि आधारित मिसाइल इंटरसेप्टर प्रणाली को शुरू करने के लिए इस राशि का उपयोग किया जा सकता है। पिछले हफ्ते जापान के रक्षा मंत्री ओनोडेरा ने कहा था कि देश लंबी अवधि वाली क्रूज मिसाइलों को अमेरिकी फर्मों खरीदने की योजना बना रहा है।

    हालांकि जापान संविधान के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए सैन्य ताकत या बल के उपयोग पर रोक लगी हुई है। ऐसे में ये कदम जापान के लिए मुसीबत वाला भी हो सकता है। अमेरिका व जापान के बीच में मौजूदा तनाव बढ़ गया है। रक्षा बजट का अधिकतम हिस्सा उत्तर कोरिया से सुरक्षा में ही खर्च होगा।