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    किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रम्प

    उत्तर कोरिया ने अपने विदेश मंत्री री योंग को अपने करोबी मित्र के समक्ष चीन भेजा है। इस यात्रा के दौरान उत्तर कोरिया की परमाणु साईट को ध्वस्त करने के लिए राज़ी करने से सम्बंधित बातचीत की जाएगी। चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री शुक्रवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात करेंगे।

    उत्तर कोरिया का चीन महत्वपूर्व आर्थिक और राजनीतिक साझेदार है हालांकि चीन ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों पर हस्ताक्षर कर रखे हैं ताकि किम जोंग को बैल्लेस्टिक मिसाइल और परमाणु हथियारों का निर्माण करने पर रोक लगाई जा सके। बीते वर्ष किम जोंग उन ने परमाणु हथियारों के निर्माण से सबकी नींद उड़ा दी थी, हालांकि बाद मे उत्तर कोरिया के तानाशाह ने दक्षिण कोरिया और अमेरिका के समक्ष परमाणु निरस्त्रीकरण की बात कही थी।

    उत्तर कोरिया अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने के लिए अमेरिका से सुरस्खा गारंटी चाहता है। हाल ही में डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया था कि उत्तर कोरिया के नेता से आगामी वर्ष जनवरी या फरवरी में दूसरी मुलाकात संभव हैं। बीते जून में डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग के मध्य प्रथम शिखा सम्मेलन का आयोजन सिंगापुर में हुआ था।

    क्या है अमेरिका की मांग

    हाल ही में अमेरिकी प्रशासन ने ऐलान किया था कि उत्तर कोरिया को प्रतिबंधो से मुक्ति के लिए पहले परमाणु निरस्त्रीकरण की अपनी प्रतिबद्धता को पूर्ण करना होगा। हालांकि उत्तर कोरिया प्रतिबंधों से ढिलाई, युद्ध का आधिकारिक अंत और अमेरिका से अन्य पारस्परिक उपाए चाहता है। इसके बदले में उत्तर कोरिया ने परमाणु सुविधाए ध्वस्त और अमेरिकी कैदियों को रिहा करने का वादा किया है।

    जानकारों के मुताबिक उत्तर कोरिया की साल 1950-53 में हुई कोरियाई जंग के अंत की आधिकारिक ऐलान की मांग को अमेरिका जल्द ही स्वीकार कर लेगा। यह स्वीकृति उत्तर कोरिया के लिए सुरक्षा का आश्वासन होगा।

    चीन-उत्तर कोरिया सम्बन्ध

    कोरियाई युद्ध में चीन ने उत्तर कोरिया की तरफ से युद्ध लड़ा था, इसके बाद दोनों राष्ट्रों के सम्बन्ध मज़बूत हो गए थे। इसी वर्ष चीन ने तीन बार किम जोंग उन की मेजबानी की है। हालांकि शी जिंगपिंग सितम्बर में आयोजित उत्तर कोरिया की स्थापना के 70 वीं वर्षगांठ में शरीक नहीं हुए थे।

    अटकलों के मुताबिक किम जोंग उन इस माह दक्षिण कोरिया की यात्रा कर सकते हैं। लाखों की संख्या में मृत्यु की प्राप्त हुए कोरियाई युद्ध के बाद कोई भी उत्तर कोरिया का नेता कभी भी दक्षिण कोरिया नहीं गया है। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के मध्य पांच बार वार्ता का आयोजन किया गया था, जिसमे तीन बार दोनों देशों के प्रमुख शामिल हुए थे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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